/hindi/media/media_files/2025/11/24/woman-reading-a-book-2025-11-24-16-17-29.png)
Photograph: (Unsplash)
आज हम महिलाओं के लिए प्रस्तुत करते हैं, कुछ ऐसी 5 किताबें जो नारीवाद को स्पष्ट रूप से संबोधित करती हैं। ये सभी किताबें अत्यंत प्रसिद्ध हैं, एवं पितृसत्ता पर कटाक्ष और हमला करती हैं।
5 किताबें जो हर महिला को ज़रूर पढ़नी चाहिए
1. The Palace of Illusions (द पैलेस ऑफ़ इल्युज़न्स) (लेखिका: चित्रा बनर्जी दिवाकरुणी)
यह 2008 में लिखित एक प्रसिद्ध उपन्यास है जिसमें महाभारत को द्रौपदी की दृष्टि से दर्शाया गया है, जिसे एक स्त्री परिप्रेक्ष्य से देखा गया है। इसमें एक स्त्री होने का संघर्ष, स्त्री की अनुमति को अनदेखा करना, सत्ता एवं अर्धांगिनी के बीच का संघर्ष भी शामिल है। यह उपन्यास द्रौपदी को महाभारत का कारण नहीं, बल्कि उन्हें एक सशक्त नारी का स्थान देता है।
2. चरित्रहीन (Charitraheen) (लेखक: शरतचंद्र चट्टोपाध्याय)
यह 1917 में लिखित एक प्रसिद्ध बांग्ला उपन्यास है, जिसमें किरणमयी (किरण) उपन्यास की नायिका है, जिसे सब बाहरी परिस्थितियों एवं शक की दृष्टि से देखते हैं। यह पात्र सुंदर एवं शिक्षित भी है, जो उस समय के अनुसार पितृसत्ता पर तीखा प्रहार भी करती है। इसमें चरित्र को बाहरी रूप से आंकने के बजाय मन की पवित्रता पर प्रकाश डाला गया है।
3. रेत समाधि (Tomb of Sand) (लेखिका: गीतांजलि श्री)
यह पहली 2018 में प्रकाशित हिंदी उपन्यास है जिसके अंग्रेज़ी अनुवाद Tomb of Sand ने 2022 में अंतर्राष्ट्रीय बुकर प्राइज जीता। यह एक 80 वर्ष की वृद्ध महिला की आत्मखोज की कहानी है, जो अपने पति की मृत्यु से अत्यंत दुखी हो जाती है, किंतु बाद में उसे एक नई पहचान मिलती है। इसमें सीमा एवं विभाजन का दर्द भी शामिल है।
4. Three Thousand Stitches (थ्री थाउज़ेंड स्टिचेज़) (लेखिका: सुधा मूर्ति)
यह 2017 में लिखित एक प्रेरणादायक आत्मकथा है जिसमें 11 सच्ची कहानियों का संग्रह है। इसमें नारी सशक्तिकरण, समाजसेवा, मानवता, सादगी जैसे विषयों पर प्रकाश डाला गया है। इसकी मुख्य कहानी का नाम भी Three Thousand Stitches है, जिसमें देवदासी प्रथा के बारे में भी बताया गया है, अर्थात सुधा जी अपने जीवन में TATA Engineering College में पहली महिला छात्रा बनीं, जो कि प्रेरणादायक है।
5. We Should All Be Feminists (वी शुड ऑल बी फ़ेमिनिस्ट्स) (लेखिका: चिमामांडा न्गोज़ी अदीची)
यह चिमामांडा न्गोज़ी अदीची की प्रसिद्ध TED Talk (2012) पर आधारित एक लघु कथा है, जो लैंगिक समानता एवं नारीवाद पर बात करती है। यह स्त्रियों और पुरुषों, दोनों को समान अवसर देने के लिए आवाज़ उठाती है। यह बचपन से हो रहे स्त्रियों पर अत्याचार, समाज में महिलाओं की स्थिति को संबोधित करती है। विशेष बात यह है कि यह पुरुषों को भी नारीवादी बनने एवं होने के लिए कहती है।
/hindi/media/agency_attachments/zkkRppHJG3bMHY3whVsk.png)
Follow Us