Breastfeeding: मां बनने का एहसास दुनिया मे सबसे ज्यादा खूबसूरत एहसास होता है। हां, यह बात भी सही है कि यह खुशी के साथ-साथ हमारी ज़िन्दगी मे बहुत सारी नई ज़िम्मेदारियां भी लाती है। हमे बहुत सारी दिक्कतों और समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है। आज हम आपको बताएंगे बच्चे को ब्रेस्ट फीडिंग करते हुए आपको किस तरह की 5 समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
5 common Breastfeeding problems-
1. स्तन के निप्पलों को कटा - फटा होना(cracked nipples)
यह एक आम सी समस्या है जिससे अधिकतर महिलाओं को गुजरना पड़ता है। इसमें ड्राइ स्किन के कारण या स्तन मे ज्यादा दूध के उत्पादन के कारण महिलाओं के स्तन के निप्पल कट या फट जाते है और उन्हें दर्द के साथ साथ स्तन से खून आने जैसे समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस समस्या के हाल के लिए आप अपने निप्पल मे एलोवेरा जेल, विटामिन ई जैसी चीजें लगा सकते है और 15 से 20 मिनट बाद इन्हे धो दें जिससे रूखी त्वचा के कारण निप्पल ना फटे।
2. ब्रेस्ट पेन ( Breast pain)
अधिकतर महिलाओं को ब्रेस्टफीडिंग करते हुए ब्रेस्ट पेन जैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। यह दिक्कत स्तनों मे ज्यादा दूध उत्पादन, या दूध कम निकल पाने और दूध ज्यादा जमा हो जाने की वजह से होती है। इस समस्या के उपाय के लिए आप हर दो घंटे के बाद ब्रेस्ट फीडिंग कराते रहें और ज्यादा दूध जमा ना होने दें।
3. एंगोर्जमेंट (Engorgement) की समस्या
दरअसल एंगॉर्जमेंट का मतलब होता है स्तनों में ज्यादा दूध का उत्पादन होना और दूध का जमाव हो जाना जो स्तनों मे सूजन और दर्द का कारण बनता है। आम तौर पर दिन मे बच्चे को 8 से 10 बार दूध पिलाना चाहिए जिससे स्तन अच्छे से निचुड जाए और इस दिक्कत का सामना ना करना पड़े। इस तरह की समस्या के समाधान के लिए मसाज और पंपिंग का उपयोग किया का सकता है।
4. रिसता हुआ स्तन (leaking breast)
मां और बच्चे मे एक अनोखे जुड़ाव होता है जिस का उदहारण रिसता हुआ स्तन है। यह एक काफी आम समस्या है तो ज्यादा परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है। जब भी मां बच्चे को देखती है, उसका रोना सुनती है या उसके बारे मे सोचती है तो उस समय स्तन रिस सकता है। यह समस्या फीडिंग के शुरुवाती दिनों मे ज्यादा होती है और चार पांच महीने बाद कम हो जाती है।यह ऑक्सीटोसिन के कारण होता है।
5. लो मिल्क सप्लाई (low milk supply)
लो मिल्क सप्लाई की समस्या महिलाओं में तब होती है जब स्तन अच्छी तरह से ड्रेन नहीं हो पाते।इससे हमारे अंदर यह संदेश जाता है कि हमारे पास दूध की मात्रा सफिशिएंट हैजिस वजह से दूध के उत्पादन में कमी आती है। इसके लिए आपको रेगुलर बच्चे को समय समय पर फीड करते रहना है और स्तन को अच्छे से ड्रेन करते रहना है।