Constitutional Rights: हमारे देश के संविधान में हर किसी के लिए अधिकार दिए गए हैं। पशु पक्षी तक के लिए अधिकार दिए गए हैं। महिलाओं के लिए संविधान में बहुत सारे अधिकार दिए गए हैं लेकिन हर महिला शायद अपने उन अधिकारों से अवगत नहीं है। अधिकारों के बारे में जानकारी ना होने के कारण बहुत सी महिलाएं कई प्रकार के शोषण का सामना करती हैं जैसे बाल विवाह, विवाह होने के बाद पति द्वारा हिंसा या फिर प्रेग्नेंसी के समय हॉस्पिटल वालों का भेदभाव का सामना आदि इन सभी समस्याओं का समाधान संविधान में दिया हुआ है। तो आइए आज के हम इस ब्लॉग में कुछ अधिकारों के बारे में बात करते हैं जो महिलाओं के लिए जानना जरूरी है।
5 constitutional rights every woman should know
1. समान वेतन का अधिकार
मजदूरी हो या कार्यालय हो, कई जगहों पर देखने को मिलता है कि समान काम के लिए पुरुष और महिला के वेतन में अंतर होता है। महिलाओं को कई बार पुरुषों से कम वेतन दिया जाता है। लेकिन हर महिला को पता होना चाहिए कि समान पारिश्रमिक अधिनियम के तहत, वेतन या मजदूरी में लिंग के आधार पर किसी भी तरह का भेदभाव नहीं किया जा सकता। समान काम के लिए पुरुषों और महिलाओं को समान वेतन दिए जाने का प्रावधान है।
2. नाम और पहचान गोपनीय रखने का अधिकार
भारत में जो भी महिलाओं को यौन उत्पीड़न का शिकार होता है उन्हें पता होना चाहिए कि सरकार ने उनको अधिकार दिया है उनकी पहचान गोपनीय रहेगी। महिला अपना स्टेटमेंट को अकेले रिकॉर्ड किसी भी महिला पुलिस कर्मचारी के सामने कर सकती हैं। अगर वह चाहे तो वह अपना शिकायत जिला मंत्री को भी कर सकती है।
3. दहेज लेने पर मिलेगा दंड
अगर शादी से पहले या शादी के बाद लड़के का परिवार दहेज का मांग करता है या दहेज के लिए परेशान करता है तो महिला इसके खिलाफ दहेज प्रथा की शिकायत दर्ज कर सकती है और साथ ही पति एवं पति के परिवार को जुर्माना भी भरना पड़ सकता है|
4. गर्भपात का अधिकार
गर्भावस्था के दौरान अगर महिला का मानसिक या शारीरिक स्वास्थ्य खराब होता है तो वह गर्भपात करवा सकती है। कोई भी परिवार वाला महिला को बच्चे पैदा करने के लिए नहीं कह सकता यह महिला का खुद का डिसीजन होगा उसको कब बच्चे पैदा करना है व गर्भपात कराना है या नहीं।
5. तलाक से जुड़ा यह कानून
हर महिला को यह पता होना चाहिए कि अगर वह अपने शादी से खुश नहीं है या मानसिक या सामाजिक उत्पीड़न होता है तो वह चाहे तो तलाक ले सकती है। यदि तलाक से महिला का परिवार ना खुश भी हो तब भी महिला तलाक ले सकती है। यदि पार्टनर तलाक देने से इंकार कर रहा हो तब भी महिला अदालत में इस चीज की अर्जी लगा सकती है और उस पार्टनर से तलाक ले सकती है।