Nobel Prizes: नोबेल पुरस्कारों के बारे में आश्चर्यजनक तथ्य

नोबेल पुरस्कार दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से एक है। इसकी प्रतिष्ठा और इसके पीछे की कहानियां इसे और भी खास बनाती हैं।आइए जानते हैं इससे जुड़े कुछ रोचक तथ्य?

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Nobel Prize

5 hidden Fact of Nobel Prizes: नोबेल पुरस्कार दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से एक है, जिसे हर साल उन व्यक्तियों और संगठनों को दिया जाता है जिन्होंने विज्ञान, साहित्य, शांति, चिकित्सा और अर्थशास्त्र के क्षेत्रों में असाधारण योगदान दिया है। इसकी शुरुआत 1901 में अल्फ्रेड नोबेल की वसीयत के आधार पर हुई थी। नोबेल पुरस्कार विजेताओं को एक स्वर्ण पदक, एक प्रमाणपत्र, और एक बड़ी धनराशि दी जाती है। इस पुरस्कार की प्रतिष्ठा और इसके पीछे की कहानियां इसे और भी खास बनाती हैं।लेकिन इसके पीछे कुछ रोचक और छिपे हुए तथ्य हैं जो शायद कम ही लोग जानते हैं। 

आइए जानते हैं नोबेल पुरस्कार से जुड़ें पांच रोचक तथ्य:

1. कोई नोबेल पुरस्कार गणित में नहीं

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नोबेल पुरस्कार विज्ञान, साहित्य, शांति और अन्य क्षेत्रों में दिया जाता है, लेकिन गणित में नहीं। इसके पीछे एक रोचक कथा है कि अल्फ्रेड नोबेल ने गणित का पुरस्कार इसलिए नहीं रखा क्योंकि उनकी प्रेमिका ने एक गणितज्ञ से विवाह कर लिया था। हालांकि, इस कथा की पुष्टि नहीं हो सकी है, पर यह एक प्रसिद्ध धारणा है।

2. शांति पुरस्कार केवल नॉर्वे में

जहां बाकी नोबेल पुरस्कार स्वीडन में प्रदान किए जाते हैं, वहीं शांति पुरस्कार नॉर्वे की राजधानी ओस्लो में दिया जाता है। नोबेल के समय में नॉर्वे और स्वीडन एक ही राज्य के हिस्से थे, लेकिन उन्होंने शांति पुरस्कार के चयन की जिम्मेदारी नॉर्वे की संसद को सौंपी थी।

3. नोबेल पुरस्कार स्वीकार करने से मना कर सकते हैं

हालांकि बहुत कम लोग ऐसा करते हैं, लेकिन नोबेल पुरस्कार को स्वीकार करने से मना किया जा सकता है। ऐसा करने पर पुरस्कार राशि वापस नोबेल फाउंडेशन को चली जाती है।

4. शुरुआत में छह नहीं थे पांच ही क्षेत्र

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जब नोबेल पुरस्कार की शुरुआत हुई थी, तब केवल पांच क्षेत्रों - भौतिकी, रसायन विज्ञान, शांति, साहित्य और चिकित्सा - में पुरस्कार दिए जाते थे। अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार बाद में जोड़ा गया।

5. मरणोपरांत पुरस्कार नहीं

नोबेल पुरस्कार नियमों के अनुसार, मरणोपरांत पुरस्कार नहीं दिए जाते, जब तक कि विजेता का नाम घोषित होने के बाद उसकी मृत्यु न हो। इसलिए, नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकित व्यक्तियों की घोषणा से पहले उनकी जीवित होना आवश्यक है।

नोबेल पुरस्कारों का इतिहास और उनके पीछे की कहानियां उतनी ही रोचक हैं जितनी उनकी प्रतिष्ठा। इन तथ्यों से यह स्पष्ट होता है कि इस पुरस्कार का महत्व केवल उसके द्वारा प्रदान किए जाने वाले सम्मान में ही नहीं, बल्कि उसकी पृष्ठभूमि में छिपी कहानियों में भी है।

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