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इरेगुलर पीरियड्स के 5 कारण
इरेगुलर पीरियड्स कई सारे कारणों से शुरू होते हैं जो कि आपकी मेस्ट्रूअल हेल्थ को काफी नुकसान पहुंचाती है।
1. प्यूबर्टी
प्यूबर्टी के समय शरीर में काफी बदलाव आते हैं और इन बदलावों के कारण शरीर में प्रोजेस्ट्रोन और एस्ट्रोजन के लेवल के बीच बैलेंस आने में काफी समय लग जाता है और इस कारण इरेगुलर पीरियड्स कुछ समय के लिए सामान्य हो जाते हैं।
2. मेनोपॉज
मेनोपॉज के पहले कई महिलाओं को अक्सर इरेगुलर पीरियड्स का सामना करना पड़ता है। उनके शरीर में मेंस्ट्रुअल साइकिल के दौरान ब्लड फ्लो भी अलग अलग मात्रा में होता है। मेनोपॉज के बाद महिला को पीरियड्स नहीं होते हैं।
3. प्रेगनेंसी
प्रेगनेंसी के पहले मेंस्ट्रुअल साइकिल रुक जाती है और ज्यादातर औरतों को प्रेगनेंसी के बाद भी पीरियड्स नहीं आते हैं। ब्रेस्ट फीडिंग के दौरान कई सारी महिलाओं को इरेगुलर पीरियड्स की समस्या झेलनी पड़ती है।
4. Contraception या प्रोटेक्शन
अगर आप सेक्स के बाद contraceptive pills लेती हैं तो इन्हें लेने के कारण आपके शरीर में हेवी ब्लीडिंग ( IUD - intrauterine device के कारण) , इरेगुलर पीरियड्स और पीरियड्स के बीच में स्पॉटिंग भी देखने को मिल सकती है।
जब महिलाएं पहली बार contraceptive pills का सेवन करती हैं तब उन्हें नॉर्मली काम और हल्के पीरियड्स ही आते हैं। लेकिन ये समस्या भी कुछ महीनों में खत्म हो जाती है। लेकिन अगर समय के साथ यह सही ना हो तो डॉक्ट को जल्द जल्द अवश्य दिखाएं।
5. इरेगुलर पीरियड्स के कारण शारीरिक बदलाव
- अचानक से वजन का घटना और बढ़ना,
- इमोशनल स्ट्रेस,
- ईटिंग डिसऑर्डर, इत्यादि
तो ये थे इरेगलर पीरियड्स के कुछ ज़रूरी कारण ।