भारत की 5 प्रेरणादायक महिला वैज्ञानिक जिन्होंने रचा इतिहास

बात होम साइंस की हो या साइंस की हमारी भारतीय महिलाओं ने हर जगह बाजी मारी है। अगर हम हमारे इतिहास के पन्ने पीछे पलट कर देखे तो भारत ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी में दिन पर दिन बहुत तरक्की करी है।

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Khushi Jaiswal
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Women scientist

Indian women scientist : बात होम साइंस की हो या साइंस की हमारी भारतीय महिलाओं ने हर जगह बाजी मारी है। अगर हम हमारे इतिहास के पन्ने पीछे पलट कर देखे तो भारत ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी में दिन पर दिन बहुत तरक्की करी है।आश्चर्य की बात ये है कि अगर किसी से वैज्ञानिक के बारे में पूछे तो वो आपको 10 पुरुष वैज्ञानिक बताएंगे लेकिन शायद ही किसी को महिला वैज्ञानिक के बारे में आप सुन पाएंगे। समाज के कई सारे बंधन तोड़ कर कई महान महिला वैज्ञानिको ने हमारे भारत के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। अाइए कुछ ऐसी महिला वैज्ञानिक के बारे में हम आपको बताते हैं।

भारत की महिला वैज्ञानिक जिन्होंने इतिहास रचा

1. आनंदीबाई जोशी

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इनकी कहानी इतनी इंस्पायरिंग हैं की आज भी भारत की कई महिलाए इनसे मोटिवेट होसक्ती है। लेकिन ये कहीं न कही बस इतिहास के पन्नों में छुपकर रह गई। अनांदी बाई की शादी 9 साल की उम्र में ही एक 20 साल के आदमी से करा दी गई थी। जिसकी पहली पत्नी का निधन हो गया था।14 साल की उम्र में उन्होंने अपने पहले संतान को जन्म दिया लेकिन सही जांच और चिकित्सा सुविधा के अभाव के कारण उनके संतान का निधन हो गया जिसने उन्हें मेडिसिन पढ़ने के लिए आगे मजबूर कर दिया। वो भारत की पहली वेस्टर्न मेडिसिन पढ़ने वाली महिला बनी और जिसने अपनी डिग्री अमेरिका से करी।आनंदी बाई का मेडिसिन फील्ड में योगदान सदैव हम सभी भारतीयों को याद रखना चाहिए।

2. असीमा चटर्जी

असीमा चटर्जी को कार्बनिक रसायन विज्ञान में उनके महत्वपूर्ण योगदान से जाना जाता है। वर्ष 1944 में असीमा चटर्जी, इंडियन यूनिवर्सिटी से डॉक्टर ऑफ साइंस का अवॉर्ड जीतने वाली पहली महिला है। साथ ही उन्होंने ने अपने पूरे जीवन में कई सारे अवॉर्ड जीते जैसे सीवी रमन अवॉर्ड, पी सी राय अवॉर्ड और साथ ही साइंस में योगदान के लिए पदमा भूषण। उन्होंने अपने जीवन काल में 400 से भी अधिक रिसर्च पेपर्स लिखे है और मेडिसिन में अपना मूल्यवान योगदान दिया है।

3. टेसी थॉमस

टेसी थॉमस को 'मिसाइल वूमेन ऑफ इंडिया' के नाम से जाना जाता है। इनका जन्म 1963 में हुआ था और ये डीआरडीओ की सीनियर साइंटिस्ट हैं। केरल के एक छोटे से गांव से निकलकर डीआरडीओ की प्रमुख साइंटिस्ट बनकर उन्होंने भारत के मिसाइल प्रोग्राम में अपना बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान दिया है। ट्सी थॉमस ने अग्नि -4 और अग्नि -5 के सफल परीक्षण में प्रोजेक्ट डायरेक्टर का मुख्य रोल निभाया था।

4. रितु करिधाल

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रितु करिधाल को 'रॉकेट वूमेन ऑफ इंडिया' के नाम से जाना जाता है। जिन्होंने ने 2007 में इसरो ज्वाइन किया था। चंद्रयान मिशन 2 को रितु करिधाल ने ही डॉयरेक्टर किया था। उनका जन्म लखनऊ के मिडिल क्लास परिवार में हुआ था। उन्होंने अपनी पढ़ाई बीएससी फिजिक्स में यूनिवर्सिटी ऑफ लखनऊ से पूरी की है और एमई की डिग्री एयरोस्पेस इंजीनियरिंग इंडियन इंस्टी्यूट ऑफ साइंस से पूरी करी है।2007 में इन्हें अब्दुल कलाम के द्वारा इसरो से यंग साइंटिस्ट अवॉर्ड से सम्मानित भी किया है।

5. मंगला नारलीकर

मंगला नारलीकर एक बहुत ही जानी मानी भारतीय गणित की शोधकर्ता हैं। नारलीकर ने अंग्रेजी और मराठी में गणित के कई विषयों पर अनेक किताबे पब्लिश की है। अपनी डिग्री पूरी करने के बाद उन्होंने (टीआईएफआर ) टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च में कार्य किया आगे चलकर  उन्होंने मुंबई और पुणे के कॉलेज में प्रोफेसर की भी भूमिका निभाई।