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डिप्रेशन एक प्रॉपर मेन्टल हेल्थ प्रॉब्लम है जिसके बारे में हम आज भी बहुत कुछ नहीं जानते हैं। कई बार डिप्रेशन को हम इमोशनल साइंस जैसे रोना, दुःख और नाउम्मीदी से जोड़ते हैं लेकिन डिप्रेशन फिजिकल पेन के कारण भी हो सकता है। जितना इम्पोर्टेन्ट डिप्रेशन के इमोशनल इफेक्ट्स हैं उतना ही ज़रूरी इसके फिजिकल सिम्पटम्स भी हैं। फिजिकल सिम्पटम्स में सबसे प्रमुख है आपके बॉडी और माइंड से जुड़ी सारी बातें। जानिए डिप्रेशन के 5 कम पहचाने जाने वाले फिजिकल सिम्पटम्स के बारे में:
अगर बिना किसी प्रॉपर रीज़न के आपको अपने नेर्वेस में पेन महसूस होता है तो ये फिजिकल डिप्रेशन का लक्षण है। इससे ये बात भी सामने आती है की डिप्रेशन और पेन एक साथ को-एक्सिस्ट कर सकते हैं। शोध भी यही बताते हैं की जिन लोगों की पेन टोलेरेंस में गिरावट होती है वो डिप्रेशन का जल्दी शिकार होते हैं। इसलिए अगर आपके साथ भी ऐसा हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और इसके लिए मेडिकेशन लें।
थकान डिप्रेशन का सबसे कॉमन सिम्प्टम है। अगर आपको बहुत ज़्यादा ही अपने एनर्जी लेवल में गिरावट फील होती है तो ये खतरे के निशाँ हो सकते हैं। इसलिए अपनी लाइफ स्टाइल सुधारने पर फोकस करें और जितना हो सके खुद को स्ट्रेस से बचाएं। अपने एनर्जी लेवल्स को मेन्टेन करना बहुत ज़रूरी है।
बैक पेन को ज़्यादातर लोग ख़राब पोस्चर से रिलेट करते हैं लेकिन ये सायकोलॉजिकल डिस्ट्रेस का बह कारण हो सकता है। डॉक्टर्स का भी यही मानना है की डिप्रेशन और बैक पेन के बीच में डायरेक्ट एसोसिएशन है। सायकोलॉजिस्ट्स का भी यही मानना है की कई इमोशनल इश्यूज क्रोनिक डिजीज का भी कारण बन सकते हैं।
सरदर्द बहुत कॉमन है इसलिए हम इसे कभी कोई सीरियस डिजीज के जैसे काउंट नहीं करते हैं। लेकिन अगर आप किसी स्ट्रेस्फुल सिचुएशन से गुज़र रहे हैं तो ये सरदर्द आपको लबे समय तक नुक्सान पहुंचा सकते हैं। ये ऐसे पेन होते हैं जो कितना भी मेडिकेशन ले लो बार-बार हो सकते हैं। इसलिए अपनी वर्क लाइफ को ठीक करने की कोशिश करें और अगर ज़्यादा स्ट्रेस फील हो तो डॉक्टर से संपर्क करें।
क्या आपकी आँखों की रोशनी घट रही है या आपको भी सब कुछ धुंधला दिख रहा है? अगर ऐसा है तो आप डिप्रेशन के शिकार हो सकते हैं। डॉक्टर्स बताते हैं की मेन्टल हेल्थ में प्रोब्लेम्स होने के कारण आँखों की रोशनी घट सकती है और ऐसा भी हो सकता है की आप ब्लैक और वाइट कलर में अंतर ना कर पाएं। इसलिए अगर आपको ऐसा फील हो या फिर आपको सब कुछ ग्रे दिखने लगे तो तुरंत डॉक्टर से दिखाएं।
1. पेन टोलेरेंस में गिरावट
अगर बिना किसी प्रॉपर रीज़न के आपको अपने नेर्वेस में पेन महसूस होता है तो ये फिजिकल डिप्रेशन का लक्षण है। इससे ये बात भी सामने आती है की डिप्रेशन और पेन एक साथ को-एक्सिस्ट कर सकते हैं। शोध भी यही बताते हैं की जिन लोगों की पेन टोलेरेंस में गिरावट होती है वो डिप्रेशन का जल्दी शिकार होते हैं। इसलिए अगर आपके साथ भी ऐसा हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और इसके लिए मेडिकेशन लें।
2. हर वक़्त थकान महसूस करना
थकान डिप्रेशन का सबसे कॉमन सिम्प्टम है। अगर आपको बहुत ज़्यादा ही अपने एनर्जी लेवल में गिरावट फील होती है तो ये खतरे के निशाँ हो सकते हैं। इसलिए अपनी लाइफ स्टाइल सुधारने पर फोकस करें और जितना हो सके खुद को स्ट्रेस से बचाएं। अपने एनर्जी लेवल्स को मेन्टेन करना बहुत ज़रूरी है।
3. बैक पेन
बैक पेन को ज़्यादातर लोग ख़राब पोस्चर से रिलेट करते हैं लेकिन ये सायकोलॉजिकल डिस्ट्रेस का बह कारण हो सकता है। डॉक्टर्स का भी यही मानना है की डिप्रेशन और बैक पेन के बीच में डायरेक्ट एसोसिएशन है। सायकोलॉजिस्ट्स का भी यही मानना है की कई इमोशनल इश्यूज क्रोनिक डिजीज का भी कारण बन सकते हैं।
4. सरदर्द
सरदर्द बहुत कॉमन है इसलिए हम इसे कभी कोई सीरियस डिजीज के जैसे काउंट नहीं करते हैं। लेकिन अगर आप किसी स्ट्रेस्फुल सिचुएशन से गुज़र रहे हैं तो ये सरदर्द आपको लबे समय तक नुक्सान पहुंचा सकते हैं। ये ऐसे पेन होते हैं जो कितना भी मेडिकेशन ले लो बार-बार हो सकते हैं। इसलिए अपनी वर्क लाइफ को ठीक करने की कोशिश करें और अगर ज़्यादा स्ट्रेस फील हो तो डॉक्टर से संपर्क करें।
5. आँखों का विज़न घटना
क्या आपकी आँखों की रोशनी घट रही है या आपको भी सब कुछ धुंधला दिख रहा है? अगर ऐसा है तो आप डिप्रेशन के शिकार हो सकते हैं। डॉक्टर्स बताते हैं की मेन्टल हेल्थ में प्रोब्लेम्स होने के कारण आँखों की रोशनी घट सकती है और ऐसा भी हो सकता है की आप ब्लैक और वाइट कलर में अंतर ना कर पाएं। इसलिए अगर आपको ऐसा फील हो या फिर आपको सब कुछ ग्रे दिखने लगे तो तुरंत डॉक्टर से दिखाएं।