5 Major Problems Faced By Women During Pregnancy: गर्भावस्था एक महिला के शरीर में कई बदलाव लाती है। उनमें से ज़्यादातर डिलीवरी के बाद गायब हो जाते हैं। इन परिवर्तनों के कारण कुछ लक्षण होते हैं, जो सामान्य हैं। प्रेगनेंसी एक औरत के जीवन का वो पड़ाव है, जब वो न केवल एक नया जीवन दुनिया में लाने जा रही होती है बल्कि इस सफर में उसके खुद के शरीर में इतने बदलाव आ रहे होते हैं। कि कभी-कभी वो समझ नहीं पाती कि बदलाव नार्मल हैं भी या नहीं। प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को कई शारीरिक और मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। कभी कभी इन बदलावों को लेकर भी चिंतित हो जाती है।
प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को होने वाली पाँच बड़ी समस्या
1. मॉर्निंग सिकनेस (Morning Sickness)
प्रेगनेंसी के शुरुआती चरणों में अक्सर मॉर्निंग सिकनेस या मतली और उल्टी की समस्या होती है। यह अधिकतर पहले तिमाही में होती है और कई बार पूरे दिन तक बनी रह सकती है।
2. गेस्टेशनल डायबिटीज (Gestational Diabetes)
यह एक प्रकार की डायबिटीज है जो केवल प्रेगनेंसी के दौरान होती है। यह तब होता है जब शरीर प्रेगनेंसी हार्मोनों की वजह से पर्याप्त इंसुलिन नहीं बना पाता, जिससे ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है।
3. प्रेगनेंसी इंड्यूस्ड हाइपरटेंशन (Pregnancy-Induced Hypertension)
उच्च रक्तचाप की समस्या जो प्रेगनेंसी के दौरान विकसित हो सकती है। अगर इसका सही तरीके से प्रबंधन नहीं किया गया तो यह प्रीक्लेम्पसिया जैसी गंभीर स्थिति में बदल सकती है।
4. एनीमिया (Anemia)
प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं में आयरन और फोलिक एसिड की कमी हो सकती है, जिससे एनीमिया की समस्या हो सकती है। इसके लक्षणों में थकान, कमजोरी और सांस लेने में कठिनाई शामिल हैं।
5. प्रीक्लेम्पसिया (Preeclampsia)
यह एक गंभीर स्थिति है जो आमतौर पर प्रेगनेंसी के 20वें सप्ताह के बाद होती है। इसके लक्षणों में उच्च रक्तचाप, पेशाब में प्रोटीन की मौजूदगी, सूजन और सिरदर्द शामिल हैं। इसे तत्काल चिकित्सा देखभाल की आवश्यकता होती है। प्रेगनेंसी के दौरान इन समस्याओं का सही समय पर पहचान और उपचार करना महत्वपूर्ण है ताकि माँ और बच्चे दोनों का स्वास्थ्य सुरक्षित रहे। डॉक्टर की सलाह और नियमित प्रेगनेंसी चेकअप से इन समस्याओं को नियंत्रित और प्रबंधित किया जा सकता है।