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पैन सेक्सुअलिटी क्या होती है ?
पैन सेक्सुअलिटी के लोग किसी के प्रति या किसी की ओर उनके जेंडर या सेक्स को देख कर आकर्षित नहीं होते हैं। वे लोग किसी के जेंडर पर न निर्भर होते हुए उनकी ओर आकर्षित होते हैं।
5 पैन सेक्सुअलिटी मिथ्स
1. पैन सेक्सुअलिटी का वास्तव में नहीं है
कई लोगों का मानना होता है पैन सेक्सुअलिटी असलियत में है ही नहीं जबकि उनकी ये धारणा बिल्कुल गलत है। जिस प्रकार होमो सेक्सुअल, हेटरोसेक्सुअल, जेंडर न्यूट्रल लोग होते हैं बिल्कुल उसी प्रकार पैन सेक्सुअल लोग भी दुनिया में एक्सिस्ट करते हैं।
2. पैन सेक्सुअल = बाय सेक्सुअल
अक्सर ये कहा जाता है कि पैन सेक्सुअल लोग कहीं ना कहीं बाय सेक्सुअल लोगों के ट्रेट्स शो करते हैं यानी कि वे हर प्रकार से बाय सेक्सुअल लोगों की तरह होते हैं। जबकि ऐसा नहीं है।
बाईसेक्सुअल लोग दोनों जेंडर की ओर आकर्षित हो सकते हैं जबकि पैन सेक्सुअल को किसी भी जेंडर से फर्क नहीं पड़ता, बस वे उस व्यक्ति। केसथ इमोशनल तौर पर अटैच होने चाहिए।
3. पैन सेक्सुअलिटी एक ट्रेंड है
इंस्टाग्राम या फेसबुक या सोशल मीडिया पर किसी चीज की कुछ समय तक बातें होना और फिर बंद हो जाना ट्रेंड कहलाता है न कि पैन सेक्सुअलिटी। ये उतनी ही सही है जितनी होमो और हेट्रो सेक्सुअलिटी।
4. पैन सेक्सुअल लोग Promiscuous होते हैं
Promiscuous लोग वो होते हैं जो दो या दो से ज्यादा पार्टनर्स के साथ सेक्सुअली एक्टिव होते हैं जबकि ऐसा नहीं है।
पैन सेक्सुअल लोग किसी एक समय पर किसी एक के साथ ही अटैच होते हैं। जैसे एक हेट्रो सेक्सुअल इंसान हर दूसरे जेंडर के व्यक्ति से अट्रैक्ट नहीं होता बिल्कुल वैसे ही पैन सेक्सुअल लोग भी सभी से अट्रैक्ट नहीं होते।
5. पैन सेक्सुअल लोग मोनोगेमियस नहीं होते हैं
एक हेट्रो सेक्सुअल इंसान की तरह ही एक पैन सेक्सुअल इंसान भी एक समय में एक ही इंसान के साथ अट्रैक्शन महसूस करते हैं।
तो ये थे पैन सेक्शुअलटी को लेकर कुछ बेतुके मिथ्स जिनपर भरोसा ना करें।