New Update
1. एक एक्टिव फादर बनें
शोध बताते हैं की जिन बच्चों के फादर्स उनकेलाइफ में इन्वॉल्व होते हैं उनमें सेल्फ-एस्टीम, कॉन्फिडेंस और सोशल स्किल्स बहुत बेटर होती है। चाहे आप कितना भी सिर्फ मदर्स को इन्वॉल्व कर लें एक बाचे के अर्ली इयर्स में अगर उसके फादर की इन्वॉल्वमेंट हो तो उसकी लाइफ में पॉजिटिव चैंजेस रहती है। शोध ये भी कहते हैं की जो टीनएजर्स अपने फादर्स के क्लोज होते हैं वो लाइफ में अपना मकाम और बेहतर बना पाते हैं। इसलिए एक एक्टिव फादर बनने की कोशिश करें।
2. घर में इक्वल काम अलॉट करें
कई बार ऐसा होता है की पेरेंट्स अपने बच्चों को उनकी जेंडर के हिसाब से काम अलॉट करते हैं जो बिलकुल भी सही नहीं है। ऐसा करने से ना सिर्फ बच्चों में द्वेष बढ़ता है बल्कि उनमें रिवोल्ट करने की इच्छा भी बढ़ती है। इसलिए कोशिश करें की आप अपने बच्चों में ऐसा कोई जेंडर बायसिंग ना होने दें। हमेशा अपने बच्चों को इक्वल काम अलॉट करें।
3. जेंडर स्टीरियोटाइप्स को तोड़ें
जब भी कोई आपके बच्चों को जेंडर स्टीरियोटाईप में बांधने की कोशिश करें तो उस बात का तुरंत विरोध करें। अपने बच्चों को एक जैसे टॉयज और बुक्स दें। उन्हें एक जैसे स्किल्स ही सिखाएं। उनकी सोशल मीडिया की यूज़ को भी समझें और इस बात पर भी ध्यान दें की वो कुछ ज़्यादा डिप्रेसिंग ना देख रहे हों। हमेशा अपने बच्चों की सही चोइसस के साथ खड़े होने की कोशिश करें।
4. अपनी बेटी को लीड करना सिखाएं
अक्सर स्कूल में लड़कियां देखती हैं की अगर वो लीडरशिप क्वालिटीज़ शो करती हैं तो उन्हें बॉसी करार दिया जाता है। ऐसी बातों से उनके कॉन्फिडेंस में ड्राप आ सकता है। ऐसा बिलकुल ना होने दें। अपनी बेटी के एफ्फोर्ट्स को सेलिब्रेट करें और उसे लीड करना सिखाएं। अपनी बेटी के पहले सपोर्टर बनें और उसका हर फैसले में उसका समर्थन भी करें।
5. अपने बेटे की इंटेलिजेंस को भी वैल्यू करें
अगर आपका बेटा किसी बात को लेकर वल्नरेबल या इनसेक्योर फील करता है तो इस बात से बिलकुल भी झल्लाएं नहीं। अपने बेटे को कभी भी बेमतलब के सोसाइटी एक्सपेक्टेशंस के बोझ के नीचे ना दबने दें। उसे ये समझाएं की कुछ बातों पर वल्नरेबल होना सबका राइट है और ऐसा फील करने में कुछ गलत नहीं है। अपने बेटे के मेन्टल हेल्थ और इंटेलिजेंस को भी वैल्यू करें।