5 Symptoms Of Passive Aggressive Personality: पैसिव-एग्रेसिव लोग अपनी नेगेटिव फीलिंग्स को डायरेक्टली एक्सप्रेस करने के बजाय इनडायरेक्टली व्यक्त करते हैं। वे व्यवहार ऐसा करते हैं, जिससे आपके बारे में नेगेटिविटी और डिस्कन्टेन्ट छिप जाता है।
जानें पैसिव एग्रेसिव पर्सनालिटी के ये 5 लक्षण
किसी का पैसिव-एग्रेसिव बिहेवियर उनके लिए कम्युनिकेशन को मुश्किल कर उनके रिश्तों में नुकसान पहुंचा सकता है। यह बेहेवियर उनके किसी अपने के प्रति गुस्से, उदासी या इन्सेक्युरिटी से शुरू हो सकता है। इसके इलावा भी इसके कई कारण हो सकते हैं जैसे कि लो सेल्फ-एस्टीम, कनफ्लिक्ट होने का डर आदि। अगर संक्षेप में बात करें तो पैसिव-अग्रेसिव पर्सन कि कहनी और करनी में फर्क होता है। आइये जानते हैं इसके समान लक्षण क्या होते हैं।
1. कहनी-करनी में अंतर
पैसिव-एग्रेसिव पर्सन के कहने और करने में फर्क होता है। ऐसे लोग अपने मन का गुस्सा या रोष डायरेक्टली शो नहीं कर पाते। वे सोचते हैं कि कहीं दूसरे इंसान को उनके मन के भाव समझ में न आ जाएँ, इसलिए वे कई बार बड़ी-बड़ी कमिटमेंट्स कर देते हैं लेकिन वे इसे पूरा नहीं करना चाहते। इसी लिए उनकी बातों में और काम करने में बहुत फर्क होता है।
2. सर्कास्टिक होना
अपने मन का गुस्सा दूसरे इंसान पर डायरेक्टली न निकाल पाने के चलते पैसिव-अग्रेसिव इंसान अपनी भावनाओं को एक्सप्रेस करने के लिए सरकेज़म का सहारा ले सकता है। वे बातों ही बातों में इस तरीके से अपनी बात रखेंगे कि दूसरे इंसान को इनकी बात का बुरा भी लगेगा लेकिन मज़ाक में की हुई बात पर वो कोई रियेक्ट भी नहीं कर पाएंगे।
3. इमोशंस व्यक्त करने में मुश्किल
पैसिव-एग्रेसिव बिहेवियर वाले लोगों को अपने इमोशंस एक्सप्रेस करने में प्रॉब्लम आती है। जब वे किसी से नाखुश या गुस्सा होते हैं तब वे अपनी बात खुल कर नहीं कह पाते। वे अपना बेहेवियर चेंज कर लेते हैं। जब उनका बात करने का तरीका या बिहेवियर चेंज होता है तब दूसरा इंसान समझ जाता है कि कुछ तो है जो इन्हें तंग कर रहा है।
4. हर काम में लेट
किसी काम को मना न कर पाने की वजह से ये हर किसी को हाँ तो बोल देते हैं लेकिन किसी फंक्शन, प्रोग्राम, असाइनमेंट्स पर पूरे टाइम पर या तो कैंसल कर देते हैं या लेट ही पहुंचेंगे। बाद में लेट या फिर न पहुँच पाने की वजह से वे कोई न कोई बहाना लगा देंगे। वे सामने से किसी को नराज़ नहीं करना चाहते इसलिए कोई न कोई बहाना मर कर टालते रहेंगे।
5. रिजेक्शन का डर
पैसिव-अग्रेसिव लोगों में रिजेक्शन का डर हमेशा बना रहता है इसी लिए वे किसी को सामने से नाखुश नहीं करना चाहते। वे खुद नाखुश या दुखी होने पर भी दूसरों से कभी असहमति नहीं करते। उन्हें लगता है की अगर वे किसी बात पर डिसएग्री होंगे तो सामने वाला इंसान गुस्सा ये फ़्रस्ट्रेट हो जाएगा।