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आज के दौर में महिलाएं हर क्षेत्र में पुरोषों के साथ कंधे से कन्धा मिला कर सफलता के कदम चूम रहीं हैं और नया इतिहास रच रहीं हैं I सफलता की इस राह का महत्व्पूर्ण हिस्सा उनकी शिक्षा का भी है जो उन्हें हर चुनौती से सामना करने के लिए सक्षम बनाती है I महिला शिक्षण को आज हर कौने से बढ़ावा मिल रहा है किन्तु अभी भी समाज की रूढ़वादी सोच रास्तें का काटा बन ही जाती है I ऐसी ही कुछ बातें हम अपनी रोज़मर्रा की ज़िन्दगी में सुनते हैं , जिन्हें हम अनदेखा करने की कोशिश करते रहते है, जैसे :-
1.लड़कियों के लिए तो गर्ल्स कॉलेज ही अच्छा है
जब भी बात लड़कियों के कॉलेज के चयन की आती है तो लोगों की पहली पसंद गर्ल्स कॉलेज ही होती है I इसकी वजह कॉलेज के गुणवत्ता से पहले उस जगह को लड़कियों के लिए एक ‘सुरक्षित स्थान’ मन्ना होता है जहाँ उन्हें सीमित दायरे में थोड़ी ज्यादा छूट मिल सके I कभी-कभी यह सोच लड़के-लड़की को एक दुसरे को ना समझ पानी की वजह भी बन जाती हैंI
2.कोई लड़कियों वाला कोर्स लेती
आज भी समाज कुछ कोर्सेज, जैसे इंजीनियरिंग को लड़कियों के लिए सही नहीं मानता I इसका विशेष कारण लोगों की पिछड़ी सोच हैं जो अब भी यही मानती है कि लड़कियां मानसिक एवं शारीरिक बल से लडकों से कमज़ोर होती है इसलिए गणित और मेकानिकल क्षेत्र में नहीं आ सकतीं I अगर और दूर की सोचें तो ऐसे कोर्सेज का बाद में परिवार संभालने में कोई सहयोग नै देते I इसी कारण जाने कितनी लड़कियों ने अपने सपने और योग्यता को पीछें छोड़ दिया I
3.यह क्या पहनकर कॉलेज जा रही है ?
जब स्कूल यूनिफार्म के बाद अपनी पसंद का पहनावा चुनने की बारी आती है तो कई बार समाज की आशायें आड़े आ जाती है I अगर एक लड़की कॉलेज सूट की जगह स्कर्ट पहनकर जाना चाहे तो उसे ना चाहते हुए भी कई उठती आँखों और सवालों का सामना करना पड़ता हैं I नतीजा, कई लड़कियां अपनी पसंद के वेशभूषा अपनाने में हिचकिचातीं हैं I
4.फ़ालतू के काम छोड़ो और सिर्फ पढाई पर ध्यान दो
जब बात एक्स्ट्रा करिक्युलर गतिविधियों की आती है तो समाज से लड़कियों के सहभागिता को इतना समर्थन नहीं मिलता, खासतौर पर जब बात कॉलेज के बाद रुकने की आती है I ऐसे में लोगों का यही मन्ना होता है कि शाम का समय लड़कियों के लिए असुरक्षित हैं और इन सबकी वजह से वह घर की गतिविधियों पर भी इतना ध्यान नहीं देती जो की उनके लिए अहम होनी चाहिए I ऐसे में लड़कियों को केवल अपनी पढाई पर ध्यान देने की सलाह दी जाती है I
5.अपनी पढाई यहाँ झाड़ने की ज़रुरत नहीं है
विद्या इंसान को बहार और अंतर मन की गतिविधियों से अवगत होने में सक्षम बनाती है I जब एक लड़की अपनी विद्या से किसी रूढ़वादी रीती-रिवाज़, जिसकी कोशिश महिलाओं को दबाने की हो, उसके खिलाफ खड़े होने में समर्थक बनाती हैं तब उनकीं अर्जित विद्या को ही उनकी सोच बदलने का हानिकारक मूल कारण बना दिया जाता है I अगर उठते सवालों का जवाब समाज नहीं दे पाता तो पहला प्रयास लड़कियों को मौन कराने का होता हैं I
ऐसी विचारधारा का होना एक बड़ा सच है, किन्तु दूसरा सच इन्हीं विचारों से लड़ने वाली सोच के साहस और शोर्य का भी है जिसे हमे खुले बाहों से स्वीकारते हैं.