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क्या है Toxic Positivity? इसको कैसे अवॉयड कर सकते हैं?

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Swati Bundela
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1. अपने नेगेटिव इमोशंस को डिनाय ना करें


अगर आप अपने नेगेटिव इमोशंस को अपनाएंगे नहीं तो ये आपको बहुत ज़्यादा स्ट्रेस दे सकते हैं। जब आप अपने नेगेटिव इमोशंस का ख्याल रखेंगे तो आप अपनी लाइफ को इम्प्रूव करने वाले ऐसे कई नए फैक्टर्स से भी रूबरू हो पाएंगे। इसलिए अपने इमोशंस को कभी ना नकारें और नेगेटिव इमोशंस को पॉसिटिविटी की आड़ में ना छुपाएं।
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2. अपने फीलिंग्स को लेकर रीयलिस्टिक रहें


अगर आप किसी तरह के स्ट्रेस से गुज़र रहे हैं तो आपका स्ट्रेस्फुल होना लाज़मी है इसलिए अपने फीलिंग्स तो हमेशा रीयलिस्टिक रखने की कोशिश करें। ऐसे स्ट्रेस्फुल सिचुएशन में अपनेआप से ज़्यादा कुछ एक्सपेक्ट ना करें और सेल्फ केयर पर ध्यान देते रहें। जब आप ऐसा करेंगे तो आप धीरे-धीरे अपने आपको नेगेटिव सिचुएशन से बाहर निकाल पाएंगे।
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3. एक बार में एक से ज़्यादा फीलिंग कॉमन है


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इमोशंस काम्प्लेक्स हो सकते हैं इसलिए आपको अपने आप पर ज़्यादा हार्श होने की ज़रूरत नहीं है। किसी चैलेंज को फेस करते समय हो सकता है की आप नर्वस हों और भविष्य में सफलता पाने के लिए आशावादी भी हों। ये बहुत ही कॉमन है इसलिए खुद को ऐसे समय में टॉक्सिक पॉसिटिविटी का हिस्सा ना बनने दें।

4. दूसरे की भी सुनें और उन्हें सपोर्ट करें

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अगर कोई आपसे आकर किसी डिफिकल्ट सिचुएशन के बारे में डिसकस करता है तो उस इंसान को और टॉक्सिक सवाल पुंछ कर उसके फीलिंग्स शट ना करें हो सकता है की आपके सिर्फ सुनने या उस इंसान के सपोर्ट में खड़े होने से ही उस इंसान की प्रोब्लेम्स थोड़ी हद तक सोल्वे हो जाए। इसलिए हर किसी की तकलीफ को सुनने के लिए हमेशा तैयार रहें।

5. अपने फीलिंग्स को नोटिस करें

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सोशल मीडिया में पॉजिटिव इंस्पिरेशन वाले कई एकाउंट्स हैं जिनको आप फॉलो कर सकते हैं। इनको फॉलो करने के साथ-साथ ये भी ध्यान दें की आप कैसा महसूस कर रहे हैं। अगर कुछ पोस्ट्स को देख कर आप गिल्ट या शर्म फील करते हैं तो फिर ये टॉक्सिक पॉसिटिविटी का हिस्सा हैं। ऐसे सिचुएशन में अपने सोशल मीडिया के यूज़ को कम कर दें। चाहे कुछ भी हो अपने फीलिंग्स को हमेशा सर्वपरि रखें।
#फेमिनिज्म सोसाइटी
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