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अपने बच्चों के सोशल स्किल्स को इम्प्रूव करना एक पैरेंट की सबसे पहली और सबसे बड़ी रिस्पांसिबिलिटी होती है। एक पैरेंट का अपने बच्चे को सोशली स्ट्रगल करता हुआ देखना बहुत ही ज़्यादा फ़्रस्ट्रेटिंग हो सकता है। अगर आपके बच्चे को दोस्त बनाने से लेकर कई सोशल सेटिंग्स में खुद को फिट करने में दिक्कत हो रही है तो उसका कॉन्फिडेंस भी काफी जल्दी गिर सकता है। अगर आप अपने बच्चे में भी ऐसी चीज़ें ऑब्ज़र्व कर रहे हैं तो आपको उसके सोशल स्किल्स पर काम करने की ज़रूरत है। जानिए सोशल स्किल्स को इम्प्रूव करने के ये 5 तरीके:
बच्चे किसी और के साथ सोशली तब एन्जॉय कर पाएंगे जब वो खुद के इंट्रेस्ट्स को अच्छे से समझ पाएंगे और उन्हें एन्जॉय कर पाएंगे। इसलिए अपने बच्चे को उनके पसंद के की चीज़ें करने के लिए मोटीवेट करते रहें। हो सकता है की आपके बच्चे को स्पोर्ट में इंटरेस्ट हो या फिर किसी और आर्ट फॉर्म के तरफ उसका रुझान हो, आप इस बात को ऑब्ज़र्व करें और उन्हें उस चीज़ को कंटिन्यू करने के लिए कहें। अपने इंट्रेस्ट्स के तरफ काम करते रहने से आपके बच्चे का सोशल स्किल्स ज़रूर सुधरेगा।
कई बार बच्चे बाहर किसी तरह के कन्वर्सेशन में नर्वस हो जाते हैं और इस कारण वो इंट्रोवर्ट बनने लगते हैं। अपने बच्चों को इससे बचाने के लिए उन्हें क्यूरियस बनाएं। अपने बच्चों को सिखाएं की कहीं भी कोई भी चीज़ जो उन्हें समझ में नहीं आती है, उसके बारे में वो सवाल पूछ सकते हैं। जब आपके बच्चे में ये सवाल पूछने वाली आदत डेवेलोप हो जाएगी तो उसके लिए किसी के साथ भी कन्वर्सेशन स्टार्ट करने में कोई दिक्कत नहीं आएगी।
एक बार अगर बच्चे इस बात को समझ पाएं की सामना वाला क्या फील कर रहा है तो वो अपनेआप को उनसे ज़्यादा कनेक्टेड फील करते हैं। इसलिए अपने बच्चों को सहानुभूति के बारे में ज़रूर समझाएं ताकि वो दूसरों के साथ पॉजिटिव बॉन्ड्स बना पाएं। उन्हें समझाएं की किसी को तकलीफ में देखकर उनसे उस तकलीफ के बारे में पूछना और उनका दुःख बांटना एक अच्छे इंसान की पहचान है।
हर बच्चे का सोशल लिमिट अलग होता है। अगर कोई बच्चा इंट्रोवर्ट या फिर ज़्यादा शर्मीला है तो वो सोशल लेवल पर बाकी बच्चों के मुकाबले कम इंटरैक्ट ही कर पाएगा। कई बच्चे लार्ज सेटिंग्स में कम्फर्टेबल होते हैं और कुछ बिलकुल भी नहीं होते हैं। इसलिए अगर आपका बच्चा इतना आउटगोइंग नहीं है और ज़्यादा सोशल नहीं होना चाहता है तो प्लीज उसे इसके लिए फाॅर्स ना करें। अपने बच्चे की लिमिट्स को पहचानना और उनकी रेस्पेक्ट करना ज़रूरी है।
बच्चे वहीं करते हैं जो वो बड़ों को करता हुआ देखते हैं। इसलिए अपने सोशल इंटरेक्शन्स के प्रति भी कॉन्शियस रहें। अपने बच्चों को अपना एक्साम्प्ले देकर ही चीज़ें समझाने की कोशिश करें क्योंकि इससे वो जल्दी सीखेंगे। अगर आप खुद इंट्रोवर्ट की तरह बेहवे करेंगे तो आपके बच्चे पर भी इसका असर पड़ेगा जो उसके भविष्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
1. बच्चों को उनकी इंटरेस्ट की चीज़ें करने दें
बच्चे किसी और के साथ सोशली तब एन्जॉय कर पाएंगे जब वो खुद के इंट्रेस्ट्स को अच्छे से समझ पाएंगे और उन्हें एन्जॉय कर पाएंगे। इसलिए अपने बच्चे को उनके पसंद के की चीज़ें करने के लिए मोटीवेट करते रहें। हो सकता है की आपके बच्चे को स्पोर्ट में इंटरेस्ट हो या फिर किसी और आर्ट फॉर्म के तरफ उसका रुझान हो, आप इस बात को ऑब्ज़र्व करें और उन्हें उस चीज़ को कंटिन्यू करने के लिए कहें। अपने इंट्रेस्ट्स के तरफ काम करते रहने से आपके बच्चे का सोशल स्किल्स ज़रूर सुधरेगा।
2. बच्चों को क्यूरियस बनाएं
कई बार बच्चे बाहर किसी तरह के कन्वर्सेशन में नर्वस हो जाते हैं और इस कारण वो इंट्रोवर्ट बनने लगते हैं। अपने बच्चों को इससे बचाने के लिए उन्हें क्यूरियस बनाएं। अपने बच्चों को सिखाएं की कहीं भी कोई भी चीज़ जो उन्हें समझ में नहीं आती है, उसके बारे में वो सवाल पूछ सकते हैं। जब आपके बच्चे में ये सवाल पूछने वाली आदत डेवेलोप हो जाएगी तो उसके लिए किसी के साथ भी कन्वर्सेशन स्टार्ट करने में कोई दिक्कत नहीं आएगी।
3. अपने बच्चों को सहानुभूति सिखाएं
एक बार अगर बच्चे इस बात को समझ पाएं की सामना वाला क्या फील कर रहा है तो वो अपनेआप को उनसे ज़्यादा कनेक्टेड फील करते हैं। इसलिए अपने बच्चों को सहानुभूति के बारे में ज़रूर समझाएं ताकि वो दूसरों के साथ पॉजिटिव बॉन्ड्स बना पाएं। उन्हें समझाएं की किसी को तकलीफ में देखकर उनसे उस तकलीफ के बारे में पूछना और उनका दुःख बांटना एक अच्छे इंसान की पहचान है।
4. अपने बच्चे की लिमिट्स को पहचानें
हर बच्चे का सोशल लिमिट अलग होता है। अगर कोई बच्चा इंट्रोवर्ट या फिर ज़्यादा शर्मीला है तो वो सोशल लेवल पर बाकी बच्चों के मुकाबले कम इंटरैक्ट ही कर पाएगा। कई बच्चे लार्ज सेटिंग्स में कम्फर्टेबल होते हैं और कुछ बिलकुल भी नहीं होते हैं। इसलिए अगर आपका बच्चा इतना आउटगोइंग नहीं है और ज़्यादा सोशल नहीं होना चाहता है तो प्लीज उसे इसके लिए फाॅर्स ना करें। अपने बच्चे की लिमिट्स को पहचानना और उनकी रेस्पेक्ट करना ज़रूरी है।
5. एक अच्छे रोल मॉडल बनने की कोशिश करिए
बच्चे वहीं करते हैं जो वो बड़ों को करता हुआ देखते हैं। इसलिए अपने सोशल इंटरेक्शन्स के प्रति भी कॉन्शियस रहें। अपने बच्चों को अपना एक्साम्प्ले देकर ही चीज़ें समझाने की कोशिश करें क्योंकि इससे वो जल्दी सीखेंगे। अगर आप खुद इंट्रोवर्ट की तरह बेहवे करेंगे तो आपके बच्चे पर भी इसका असर पड़ेगा जो उसके भविष्य के लिए हानिकारक हो सकता है।