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1. बच्चे को उसकी बॉडी की ओनरशिप सीखाएं
अपने बच्चे को सबसे पहले ये समझाएं की उसकी बॉडी सिर्फ उसकी है और किसी को उसके परमिशन के बिना उसे टच करने का राइट नहीं है। बच्चे को जब आप अर्ली एज से ही ये समझायेंगे तो फिर उसके लिए बैड टच को अवॉयड करना ज़्यादा मुश्किल नहीं होगा। इसके साथ-साथ अपने बच्चे को हर टच के बारे में फील करना भी सीखाएं। अगर उन्हें किसी का टच पसंद नहीं है तो उन्हें इसके लिए मन करना भी आना चाहिए।
2. हलके कंवर्सशन्स करें
गुड और बैड टच के बारे में बात ककरने में कोई शर्म नहीं है और आपके बच्चे को भी ऐसा ना लगे इसलिए ये ज़रूरी है कि आप इस बारे में उससे हलके कंवर्सशन्स ही करें। कोशिश करें की आप फैमिली टाइम के दौरान घर के सभी लोगों के सामने बच्चे से इस बारे में बात करें ताकि उसे किसी भी तरह के सवाल पूछने में कोई हिचक ना महसूस हो। रोज़मर्रा के काम करते हुए भी बच्चे से इस बारे में बात किया जा सकता है।
3. अफेक्शन्स को फ़ोर्स ना करें
बच्चे अगर घर के किसी रिलेटिव या फैमिली फ्रेंड के मौजूदगी में कम्फर्टेबल फील नहीं करते हैं तो उन पर अफेक्शन्स फ़ोर्स ना करें। अपने रिलेटिव्स के सामने अपने बच्चे के बेहेवियर को ऑब्ज़र्व करें और अगर बच्चा किसी के साथ कम्फर्टेबल नहीं है तो अपने बच्चे को ऐसे लोगों से दूर रखें। इसके कारण हो सकता है की आपका बच्चे को एमपॉवर्ड फील हो और उसे अपनी लाइफ पर कण्ट्रोल भी महसूस हो।
4. ना बोलना सीखाएं
आप अपने बच्चे को जो सबसे बड़ी सीख दे सकते हैं वो है उसको "ना" बोलने की सीख देना। अपने बच्चे को समझाएं की जब किसी भी काम के लिए उनका मन राज़ी ना हो उस काम के लिए मन कर देना कोई गलत बात नहीं है। अगर आपका बच्चा ना बोलना सीखेगा तो वो कई खतरों से खुद को बचा सकता है। इसलिए उसे ना बोलने की अहमियत समझाएं और ज़िन्दगी में अप्लाई करने के लिए भी कहें।
5. सेफ टच के बारे में करें बात
बच्चे को ये समझाना बहुत ज़रूरी है कि सेफ टच क्या है ताकि वो हर टच को इस डेफिनेशन के थ्रू समझ पाए और बैड टच से खुद को बचा पाएं। कुछ टच जैसे हॉस्पिटल में डॉक्टर का पेरेंट्स के सामने चेक-अप के लिए टच करना या फिर किसी अपने का कंधे पर हाथ रखना सेफ टच हो सकता है। इसके अलावा और कोई भी टच गलत है और इससे अपने बच्चे को बचाना बहुत ज़रूरी है।