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6 तानें जो अधिकतर सांवली लड़कियों को सुनने पड़ते हैं

अरे, इतना धूप में मत घूमों, पहले ही इतनी सांवली हो। क्या अपने रंग को और काला करना है? फिर कौन करेगा शादी ? कौन करेगा तुम्हें पसंद? और न जाने क्या - क्या सुनना पड़ता है सावंली लड़कियों को।

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Ritika Negi
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Dark Skin

(Image Credit: Pinterest)

6 Taunts That Dark Skinned Girls Have To Hear: अरे, इतना धूप में मत घूमों, पहले ही इतनी सांवली हो। क्या अपने रंग को और काला करना है? फिर कौन करेगा शादी ? कौन करेगा तुम्हें पसंद? और न जाने क्या - क्या सुनना पड़ता है सावंली लड़कियों को। अगर हम अपने आस-पास के परिवेश में ही नजर डाले तो हमे ऐसे कई उदाहरण देखने को मिलेंगे। हमारे समाज में जब किसी लड़के का रंग सांवला होता है तो उसे कृष्ण जी के बराबर रखा जाता है। कहा जाता है, ‘अरे देखो, कैसा कान्हा जैसा सांवला रंग है इसका।’ और उसी के विपरीत किसी लड़की का काला होना उसके पूरे भविष्य को समाज के लिए हास्य का पात्र बना देता है। उस लड़की को यह महसूस कराने की कोशिश कराई जाती है कि, उसकी जिंदगी, उसकी दुनिया, उसके सपने सब कुछ बिखर सकते हैं। क्या ऐसा होना चाहिए?

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6 ताने जो हर सांवली लड़की सुनती है 

  1. अरे तुम कोई फेयरनेस क्रीम नही लगती क्या? बेटी लगाया करो, उससे तुम सुंदर दिखोगी।
  2. अगर बचपन में दूध पिया होता तो आज इतनी सांवली न होती। अपनी बुआ की बेटी को देखो कितनी सुंदर है और कितना गोरा रंग है उसका।
  3. अरे बेटी यह पीली रंग की कुर्ती मत खरीदो, तुम्हारा रंग सांवला है तुम पर जाचेगा नहीं।
  4. कितनी बार समझाया है ज्यादा धूप में मत बैठा करो, क्या तुम्हे और काला होना है?
  5. आए हाय भाभी! तुम्हारी ही बेटी है न? इतना सांवला रंग तो किसी का भी नही है तुम्हारे परिवार में, न जाने यह किस पर चली गई।
  6. हे भगवान! सुबह सुबह किस काली बिल्ली ने रास्ता काट लिया। अब तो पूरा दिन ही खराब जायेगा।

इस तरह और भी कई ताने सावंली लड़कियों को हर रोज सुनने पड़ते हैं। हमारे देश में कई ऐसी लड़कियां है जो समाज, परिवार, रिश्तेदारों के तानों से डिप्रेशन, एंजायटी का शिकार हो जाती हैं। उन्हें यह समझाने के लिए कोई नही होता, कि आपका रंग काला होना, सांवला होना या गोरा होना कोई डिफरेंस क्रिएट नहीं करता आप अपनी लाइफ अपनी मर्जी के अनुसार खुलकर जी सकती हैं।

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कितने परिवारों में लड़कियों को सांवला होने पर तानें नहीं दिए जाते?

कितने परिवारों में लड़कियों को उनके सांवले रंग होने पर यह समझाया जाता है, कि बेटी कोई बात नहीं आपका रंग आपकी पहचान नहीं बनाता, आपकी मेहनत बनती है। जिस दिन हम इस सवाल के जवाब को समझ लेंगे उस दिन हमें खुद ही अंतर समझ आ जाएगा। 

अब समय आ गया है हम सभी को अपनी सोच में बदलाव लाने का। समाज के पास किसी भी लड़की को उसके रंग के बेसिस पर जज करने का कोई हक नहीं है। अगर औरतों ने भी यह सोच लिया कि ' अरे यह लड़का तो इतना काला है' या ' अरे यह तो सांवला है' तो सबको बहुत महंगा पड़ेगा।

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