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April Fool: हर साल 1 अप्रैल को दुनियाभर में "अप्रैल फूल डे" या "मूर्ख दिवस" के रूप में मनाया जाता है। इस दिन लोग एक-दूसरे के साथ हंसी-मजाक करते हैं और हल्के-फुल्के प्रैंक (पैंतरे) करके मनोरंजन करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर हम 1 अप्रैल को ही क्यों मूर्ख दिवस मनाते हैं और इसकी शुरुआत कैसे हुई? आइए इस लेख में इसके इतिहास और इस दिन को मनाने के पीछे के कारणों को जानने की कोशिश करें।
इतिहास का रहस्य
अप्रैल फूल डे की असल शुरुआत का पता लगाना थोड़ा मुश्किल है। इसके पीछे कई कहानियां और मान्यताएं प्रचलित हैं।
रोमन साम्राज्य: एक मान्यता के अनुसार, रोमन साम्राज्य में 1 अप्रैल को "हिलारिया" नाम का त्योहार मनाया जाता था। इस दिन लोग हंसी-मजाक करते थे और एक-दूसरे को बेवकूफ बनाने की कोशिश करते थे।
फ्रांस: दूसरी कहानी फ्रांस की क्रांति से जुड़ी है। कहा जाता है कि 1564 में फ्रांस में साल का नया साल 25 मार्च को मनाया जाता था। लेकिन 1564 में राजा चार्ल्स IX ने साल के शुरुआत को 1 जनवरी कर दिया। कुछ लोगों को इस बदलाव की जानकारी देर से मिली और उन्होंने 1 अप्रैल को नए साल के रूप में मनाना शुरू कर दिया। इसलिए उन्हें "अप्रैल फूल" कहा गया।
इंग्लैंड: इंग्लैंड में भी अप्रैल फूल डे मनाने की परंपरा रही है। 1700 ईस्वी के आसपास के लेखों में इस दिन के जिक्र मिलते हैं। लोग इस दिन दूसरों को "अप्रैल फूल" बनाकर हंसी-मजाक करते थे।
इन कहानियों में से सच कौन सी है, यह बता पाना मुश्किल है। लेकिन इतना तो साफ है कि अप्रैल फूल डे सदियों से चला आ रहा रिवाज है।
क्यों मनाते हैं अप्रैल फूल डे?
अप्रैल फूल डे मनाने का मुख्य कारण मौज-मस्ती करना और हंसी-खुशी का माहौल बनाना है। इस दिन लोग एक-दूसरे के साथ हल्के-फुल्के प्रैंक करते हैं और हंसी-मजाक करते हैं। यह थोड़ी देर के लिए रोजमर्रा की जिंदगी की गंभीरता को कम करके खुशियां बिखेरने का एक अच्छा जरिया है।
हालांकि, ध्यान रखना चाहिए कि प्रैंक करते वक्त किसी की भावनाओं को ठेस न पहुंचे। इस दिन का मकसद खुशी बांटना है, किसी को परेशान करना नहीं। तो इस 1 अप्रैल को आप भी अपने दोस्तों और परिवार के साथ मिलकर हंसी-मजाक करें और अप्रैल फूल डे को खुशियों से भरपूर बनाएं!