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क्या एक महिला के कपड़े उसके चरित्र का प्रमाण होते हैं ?

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Swati Bundela
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हाल ही में एक वीडियो सामने आया जहाँ आप एक औरत को एक लड़की को यह कहते हुए सुन सकते है की छोटे कपड़े पहनने के लिए उसका रेप होना चाहिए । इस वीडियो ने पुरे सोशल मीडिया पर सनसनी मचा दी है। लोगो में ख़ास तोर पर युवा लड़कियों में हद से ज़्यादा गुस्सा और आक्रोश की भावना देखी जा सकती है जो की लाज़मी भी है । इस तरह की बात बोलने के बाद महिला के चहरे पर कोई पछतावा नहीं था और न ही वो माफ़ी मांगने के लिए तैयार थी।

कुछ महत्वपूर्ण बाते :

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  1. किसी भी तरीके के कपड़े पहनना एक महिला का खुद का निजी फैसला होता है या उसकी खुद की मर्ज़ी होती है। किसी को कोई है नहीं की किसी भी महिला को उसके पहने हुए कपड़ो पर जज किया जाए।

  2. शर्म आँखों में होती है कपड़ो में नहीं । लड़कियों को समझाने से पहले की यह मत पहनो , इस समय घर से बाहर मत जाओ अपने लड़को को समझाए की हर लड़की की  इज़्ज़त करे ।

  3. लड़कियों पर पाबंदियां लगाने के बजाये उन्हें अपने खुद के लिए आत्म- निर्भर बनाये ना की उन्हें मजबूर करे की वह किसी से भी दबे।

  4. लड़कियों को सशक्त करे और उन्हें बताये की गलती वो होता है जो गलत काम करता है और उससे ज़्यादा गलत वो होता है जो गलत सेहत है तो उन्हें सहने के लिए मजबूर करने के बजाये गलत के खिलाफ आवाज़ उठाना सिखाये।

  5. किस भी तरह के कपड़े पहनना या किसी भी तरह की जीवनशैली में रहना हर किसिस की अपनी खुद की मर्ज़ी है और ये किसी के चरित्र पर ऊँगली उठाने का हक़ किसी को नहीं देता।


आज एक औरत ही औरत की इज़्ज़त नहीं कर सकती तो हम पुरुषों से तो क्या ही उम्मीद रखे बीच बाजार पब्लिक में सभी आदमियों से कहना की इस लड़की ने छोटे कपड़े पहने है तो इसका रेप होना चाहिए, ये कहाँ की मानवता है?  इज़्ज़त मिलना हर किसी का हक़ है । हर किसी को अपने जीवन में अपने तरीके से जीने का हक़ है ।
#फेमिनिज्म
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