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अक्सर कई बच्चों को बचपन से ही मोटापे का सामना कारण पड़ता है। माँ बाप इस बात पर कई बार ज्यादा ध्यान नहीं देते जिस कारण उनके बच्चों में काफी तरह की बीमारियां घर कर सकती हैं। आइए आज जानते है कि छोटे बच्चों में मोटापा का कारण क्या है और साथ ही उसके क्या परिणाम हो सकते है।
छोटे बच्चों में मोटापा का कारण-
जिन बच्चों का BMI 95 के बराबर या उससे ऊपर होता है वो बच्चे मोटापा का शिकार होते है।
- फॅमिली हिस्ट्री - जिन बच्चों के परिवार में सभी लोग ज्यादा वज़न के हैं और मोटापे के शिकार हैं, वे अक्सर बचपन से ही मोटे होते हैं। ऐसे में माँ बाप को बच्चे के बढ़ते वज़न पर ध्यान देना चाहिये।
- ख़राब डाइट - जो बच्चे खाने में कुछ भी बिना पोषक तत्वों वाला खाना खाते हैं या उनके खाने में हद से ज्यादा फैट और तेल होता है तो जाहिर सी बात है कि बच्चे का वज़न बढ़ेगा ही।
- व्यायाम न करना - जो बच्चे ज्यादा खाना खाते हैं और व्यायम ज़रा सा भी नहीं करते तो ऐसे में बच्चे का फैट शरीर से ख़त्म ही नहीं होगा जिससे वो और मोटा होता जाएगा।
बच्चों में मोटापे का परिणाम-
जिन बच्चों का वज़न बाकियों के मुकाबले बहुत ज्यादा होता हैं उनमे कई बीमारिआं होने का जखत्र बाकी बच्चो के मुकाबले ज्यादा होता हैं।
वो बीमारियां कुछ इस प्रकार हो सकती हैं -
1. मधुमेह
जिन बच्चों का वज़न ज्यादा होता हैं उनके शरीर में मेटाबोलिज्म अच्छा नहीं होता जिस वजह से उनको डायबिटीज का सामना करना पड़ सकता हैं।
2. दिल की बीमारियां
ज्यादा कोलेस्ट्रॉल और ज्यादा ब्लड प्रेशर के कारण भविष्य में दिल की बीमारियां होने का खतरा मोटे बच्चों में बढ़ जाता है।
3. अस्थमा
अस्थमा फेफड़ों की एक बीमारी है जिसमें आपको बार बार सांस लेने में काफी दिक्कतें आती है। मोटापा अस्थमा होने का सबसे बड़ा कारण माना जाता है।
ऐसी कई बीमारियां हैं जो छोटे बच्चे में मोटापा होने के कारण भविष्य में हो सकती हैं।
तो ये थे छोटे बच्चों में मोटापा का कारण और परिणाम |