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आजकल के समय में बच्चों को स्कूल ट्यूशन इत्यादि जगह पर इतना फसा दिया जाता है कि बच्चे खुद के लिए टाइम नहीं निकाल पाते हैं। धीरे-धीरे यही उनका रूटीन बनता जाता है। तो आइए जानते हैं कि कैसे बच्चों में टाइम मैनेजमेंट स्किल्स डाली जाएं
बच्चों का सोने का उठने का समय निश्चित करें ताकि उन्हें पता रहे कि उन्हें काम कब से शुरू करना है और कब तक खत्म कर लेना है। साथ ही उनका समय ऐसा निश्चित करें ताकि वो पूरी नींद ले पायें।
बच्चों को खुद से प्लान बनाना सिखाएं। उन्हें बताएं कि उन्हें अपने दिन के सभी कामों को किस तरीके से किस समय में कर लेना चाहिए। साथ ही उन्हें बताएं कि प्लान बनाने से उनका काम जल्दी हो जाएगा और उन्हें ज्यादा खेलने को मिलेगा।
आजकल छोटी मोटी डायरीज में कैलेंडर बने हुए आते हैं। बच्चों को कोई ऐसी डायरी ला कर दें जिसमें वो अपने हर रोज़ के काम को लिख कर टिक कर सकें और लिख सकें। इसके साथ उन्हें अलग-अलग लिस्ट बनाने को भी कहें।
एक स्टडी टेबल के होने से बच्चे एक ही जगह पर बैठकर पढ़ेंगे जिससे कि उनका ज्यादा समय खराब नहीं होगा और उनका मन बीच-बीच में भटकेगा भी नहीं। इसके साथ उन्हें बार-बार यह बताते रहें कि उनका समय बचने से वे अपने मन का कुछ भी कर सकते हैं।
कोशिश करें कि आप बच्चों को जरूरत पड़ने पर ही कुछ कहें या मदद करें। हर वक्त उनके सिर पर रहने से उनके ऊपर प्रेशर बनेगा जिससे वह अपना काम ढंग से नहीं कर पाएंगे।
तो यह थे बच्चों में टाइम मैनेजमेंट लाने के कुछ जरूरी तरीके फुल सॉन्ग
बच्चों में टाइम मैनेजमेंट स्किल्स
1. उनका सोने व उठने का समय निश्चित करें
बच्चों का सोने का उठने का समय निश्चित करें ताकि उन्हें पता रहे कि उन्हें काम कब से शुरू करना है और कब तक खत्म कर लेना है। साथ ही उनका समय ऐसा निश्चित करें ताकि वो पूरी नींद ले पायें।
2. बच्चों को प्लान बनाना सिखाएं
बच्चों को खुद से प्लान बनाना सिखाएं। उन्हें बताएं कि उन्हें अपने दिन के सभी कामों को किस तरीके से किस समय में कर लेना चाहिए। साथ ही उन्हें बताएं कि प्लान बनाने से उनका काम जल्दी हो जाएगा और उन्हें ज्यादा खेलने को मिलेगा।
3. बच्चों को उनका कैलेंडर खुद बनाने दें
आजकल छोटी मोटी डायरीज में कैलेंडर बने हुए आते हैं। बच्चों को कोई ऐसी डायरी ला कर दें जिसमें वो अपने हर रोज़ के काम को लिख कर टिक कर सकें और लिख सकें। इसके साथ उन्हें अलग-अलग लिस्ट बनाने को भी कहें।
4. बच्चों के लिए एक study table बनाएं
एक स्टडी टेबल के होने से बच्चे एक ही जगह पर बैठकर पढ़ेंगे जिससे कि उनका ज्यादा समय खराब नहीं होगा और उनका मन बीच-बीच में भटकेगा भी नहीं। इसके साथ उन्हें बार-बार यह बताते रहें कि उनका समय बचने से वे अपने मन का कुछ भी कर सकते हैं।
5. बच्चों को रास्ता दिखाएं ना कि उन पर प्रेशर बनाएं
कोशिश करें कि आप बच्चों को जरूरत पड़ने पर ही कुछ कहें या मदद करें। हर वक्त उनके सिर पर रहने से उनके ऊपर प्रेशर बनेगा जिससे वह अपना काम ढंग से नहीं कर पाएंगे।
तो यह थे बच्चों में टाइम मैनेजमेंट लाने के कुछ जरूरी तरीके फुल सॉन्ग