New Update
1. उत्तरकाशी में हुआ था बछेंद्री पाल का जन्म
24 मई 1954 को उत्तराखंड के उत्तरकाशी के नुकरी में हुआ था बछेंद्री पाल का जन्म। उनका जन्म माउंट एवेरेस्ट पे सबसे पहले चढ़ाई करने वाले तेनज़िंग नॉर्वे और एडमंड हिलेरी के इस चढ़ाई की पहली एनिवर्सरी के 5 दिन पहले ही हुआ था।
2. बचपन से कर रही है बछेंद्री पाल चढ़ाई
12 साल की उम्र में अपनी एक सहेली के साथ बछेंद्री पाल ने स्कूल पिकनिक में 13123 फ़ीट के ऊँचे शिखर की चढ़ाई की। देहरादून के डीएवी पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज से उन्होंने एम.ए और बी.एड की पढ़ाई संपन्न की ही।
3. नेहरू इंस्टिट्यूट ऑफ़ माउंटेनियरिंग से किया है उन्होंने कोर्स
बी.एड के बाद बछेंद्री को उनके इच्छा अनुसार नौकरी नहीं मिली। इस कारण उन्होंने नेहरू इंस्टिट्यूट ऑफ़ माउंटेनियरिंग के कोर्स में दाखिला ले लिया। इसी इंस्टिट्यूट के एडवांस कैंप में 1982 में गंगोत्री और रूद्रगेरा के शिखरों की चढ़ाई करने वाली वो पहली महिला बनी।
4. एवेरेस्ट की चढ़ाई करते हुए हुयी थी हादसे का शिकार
एवेरेस्ट चढ़ने के अपने अभियान के चौथे दिन बछेंद्री पाल का पूरा ग्रुप एक हादसे का शिकार हो गया था जिसके तहत एक हिमस्खलन के कारण उनका पूरा कैंप बर्फ की चपेट में आ गाय था। इस कारण उनके ग्रुप में से कई लोगों ने आगे जाने से इंकार कर दिया। बचे हुए लोगों में बछेंद्री एकलौती महिला थी।
5. एवेरेस्ट फ़तेह करने वाली विश्व की पांचवी महिला है बछेंद्री
बछेंद्री पाल एवेरेस्ट पे चढ़ने वाली विश्व की पांचवी महिला है। उनसे पहले ये गौरव जापान की जुंको तबै, चीन की फाँटोग, पोलैंड की वांडा रत्केइविक्ज़, और जर्मनी की हानालोर श्मात्ज़ को हासिल है।
6. टाटा स्टील में कार्यरत थी बछेंद्री पाल
दिसंबर, 1983 को बछेंद्री पाल ने टाटा स्टील जमशेदपुर में नौकरी ज्वाइन कर ली। टाटा स्टील से जुड़े रहते हुए उन्होंने बहुत सी बच्चियों के लिए माउंटेनियरिंग के कैम्प्स करवाए हैं। इससे वो अपनी एवेरेस्ट चढ़ने से भी बड़ी उपलब्धि मानती है।
7. कई और अभियान का हिस्सा रह चुकी है हिस्सा बछेंद्री पाल
बछेंद्री पाल ने 1993 में इंडो-नेपालीज वीमेन माउंट एवेरेस्ट अभियान को लीड किया। 1994 में थे ग्रेट इंडियन वीमेन राफ्टिंग वॉयेज को भी उन्होंने लीड किया।
8. सामज कल्याण के लिए खूब किए है काम
बछेंद्री पाल ने पर्वतारोही प्रेमलता अग्रवाल और कई पर्वतारोहियों के साथ मिलकर 2013 के उत्तर भारत के बाढ़ के समय में उत्तरकाशी में राहत और बचाव कार्यों में अपना पूरा योगदान दिया।
9. पद्म विभूषण से है सम्मानित बछेंद्री पाल
2019 में उनके समाज कल्याण और बच्चियों को स्पोर्ट्स में बढ़ावा देने के कार्यों के लिए भारत सरकार के तरफ से उन्हें प्पदम विभूषण पुरुस्कार से सम्मानित किया गया।
10. अपनी आत्मकथा भी लिख चुकी है बछेंद्री पाल
बछेंद्री पाल ने नेशनल बुक ट्रस्ट, दिल्ली की मदद से अपनी आत्मकथा एवेरेस्ट- माय जर्नी टू द टॉप भी प्रकाशित करवाई है। उनका मानना है की ये पुस्तक हर महिला के आत्मसम्मान को बढ़ाने में मदद कर सकती है। हैप्पी बर्थडे बछेंद्री पाल