बॉलीवुड को गोरी चिट्टी लड़कियां पसंद हैं - सायानी गुप्ता

author-image
Swati Bundela
New Update
सयानी गुप्ता ने अपनी उम्र पर पूछें गए सवाल पर कहा I
Advertisment


सयानी पर्दे पर पहली बार 2012 में ‘सेकंड मैरिज डॉट कोम’ में नज़र आईं थीं I बाद में कई फिल्मों में, जैसे फैन, जॉली एलएलबी, वह सपोर्टिंग किरदारों में दिखीं I हाल ही में वह ‘आर्टिकल 15’ में भी नज़र आईं हैं I
Advertisment

उनके अविवाहित होने की बात पर लोगों के प्रतिक्रिया के बारे में पूछें जाने पर सयानी कहतीं हैं, “अक्सर मुझे लोग कहते है कि मुझे बहुत पहले ही शादी कर लेनी चाहिए थीं I वे पूछ्तें है कि में अपनी ज़िन्दगी में कर क्या रहीं हूँ ?” सयानी ऐसे लोगों को चुप कराते हुए कहतीं हैं, “पहले मैं बड़ी स्टार बनना चाहती हूँ और फिर शादी करूँगीं"

क्या बॉलीवुड गोरी लड़कियों से ऑब्सेस्सेड है ?

Advertisment

“बॉलीवुड को हमेशा से ही पंजाबी गोरी-चिट्टी नॉर्थ इंडियन लड़कियां ही पसंद आती हैं, पर अब यहाँ भी बदलाव नज़र आ रहा हैं ”

अक्सर मुझे लोग कहते है कि मुझे बहुत पहले ही शादी कर लेनी चाहिए थीं I वे पूछ्तें है कि में अपनी ज़िन्दगी में कर क्या रहीं हूँ ?” सयानी ऐसे लोगों को चुप कराते हुए कहतीं हैं, “पहले मैं बड़ी स्टार बनना चाहती हूँ और फिर शादी करूँगीं"

Advertisment

उन्हें लोगों का कुछ फिल्मों को “बोल्ड” कहना पसंद नहीं आता. वह इस लेबल का तिरस्कार करतीं हैं और लोगों से इसका सही मतलब पूछतीं हैं.

क्या आपके माता-पिता आपके करियर के बारे में क्या सोचते है ?

Advertisment

अगर मेरे पिता आज हमारे साथ होते तो मुझे यकीन है कि वो मेरे लिए बहुत खुश होते I वो हमेशा से ही मुझे यह काम करते देखना चाहतें थे I मेरी माँ मेरे काम के चुनाव से नाख़ुश हैं I जब मैंने SRK के साथ काम किया था, बस तभी उन्हें लगा था कि मैंने सच में कुछ अच्छा किया है I

जब भी मेरा कोई फैन मेरे साथ सेल्फी लेने आता है तो मेरी माँ बहुत प्रोटेक्टिव हो जातीं हैं I उन्हें लगता है कि लड़के मेरी फ़ोटो से मेरा चेहरा बिना कपडें पहनी किसी लड़की पर लगा देंगे I वह हमेशा से चाहती थीं कि मैं कोई आम नौकरी करूँ जैसे स्कूल टीचर, प्रोफेसर या IAS अफसर.
Advertisment

क्या बॉलीवुड इंडस्ट्री में अभिनेत्रियों की कोई ‘एक्सपायरी डेट’ होती है ?


मैंने 2 साल पहले 14 साल की बच्चीं का किरदार निभाया था. वो इसलिए मुमकिन हो पाया क्योंकि आज अनुराग बासु जैसे निर्देशक हैं जो एक व्यक्ति में विशवास करते हैं और उसे एक किरदार की तरह कल्पना करने की क्षमता रखते है.  ऐसे निर्देशकों का मैं शुर्क्रिया अदा करतीं हूँ.
Advertisment


अंत में सयानी कहतीं हैं,"मैं राधिका आप्टे और राजकुमार राव के सफ़र से गर्वित हूँ I वक्त लगा - है पर उन्होंनें अपना काम बखूबी किया है I”

हम सयानी गुप्ता की बॉलीवुड की दुनिया की पुरानीं सोच और रीतियों, जैसे रंग-रूप, को बदलने की हिम्मत को सलाम करते हैं.
एंटरटेनमेंट