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मां का दूध बच्चे के लिए बहुत आवश्यक है। मां का दूध पीने से शिशु की इम्युनिटी बढ़ती है। मां और बच्चे के बीच की बॉडिंग स्ट्रॉन्ग बनती है। शुरुआती 6 महीने की ब्रेस्टफीडिंग कॉन्ट्रासेप्टिव का भी काम करती है। साथ ही ब्रैस्ट कैंसर व अन्य बीमारियों से भी बचाती है, इसलिए इस समय ब्रेस्टफीडिंग बहुत ही ज़रूरी होती है। Breastfeeding tips hindi
ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं को healthy फूड पर ज़्यादा से ज़्यादा ध्यान देना चाहिए। क्योंकि आप क्या खाते हो वो दूध बनकर आपके बेबी तक पहुंचता है। इसलिए आप जितना खाएंगी उतना ही आपके बेबी के लिए फायदेमंद होगा।
ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं को कभी भी टाइट ब्रा नहीं पहननी चाहिए। क्योंकि ब्रेस्टफीडिंग के दौरान स्तन पहले की तुलना में ज्यादा सेंसिटिव होते हैं जिसके कारण थोड़ी देर टाइट ब्रा पहनने से ब्रेस्ट में rashes हो सकते हैं। ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं के लिए नर्सरी ब्रा आती है । जिसमें वो आगे की तरफ से बटन खोलकर अपने शिशु को दूध पिला सकती है।
कई महिलाएं अपने शिशु को कहीं भी और कैसे भी दूध पिलाना शुरू कर देती हैं। जबकि दूध पिलाने से पहले निप्पल को अच्छी तरह से गुनगुने पानी, कॉटन या टिश्यू से ज़रूर साफ़ करना चाहिए। हाथों की तरह निप्पल और ब्रेस्ट भी गंदे होते हैं। तो जैसे आप खाने से पहले हाथ धोती हैं वैसे ही शिशु को पिलाने से पहले निप्पल ज़रूर साफ़ करे।
ब्रेस्टफीडिंग के बाद अक्सर महिलाओं को सैगिंग(ब्रैस्ट का लटकना) की शिकायत होती है। इसके लिए रोजाना ब्रेस्ट की मसाज करें। इससे ब्रेस्ट में ब्लड सर्कुलेशन तेज होगा जिससे दूध की गांठे ब्रेस्ट में नहीं बनेंगी और सैगिंग की भी समस्या नहीं होगी।
कई बार ब्रेस्टफीडिंग कराने की वजह से निप्पल में दर्द होने लगता है। इससे बचने के लिए निप्पल पर घी लगाएं। ये निपप्ल को moisturise करता है और ड्राई नहीं होने देता। जिससे बच्चे के ज्यादा दूध पीने से भी निप्पल में किसी तरह का बुरा प्रभाव नहीं पड़ता।
ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली मां को नहाते समय ब्रेस्ट पर साबुन नहीं लगाना चाहिए क्योंकि साबुन में मौजूद केमिकल आपके निप्पल को कठोर और ड्राय बना सकते है। इसलिए नहाते समय सिर्फ गर्म पानी से ही उस जगह को साफ़ कर लें।
ब्रेस्टफीडिंग के समय (Breastfeeding tips hindi) इन सभी बातो का ख़ास ध्यान रखे ताकि आप और आपका बेबी हर प्रकार के इन्फेक्शन से बचा रहे और स्वस्थ रहे।
ब्रेस्टफीडिंग के समय मां को रखना चाहिए इन 6 बातों का ध्यान (Breastfeeding tips hindi)
Healthy चीज़े खाए
ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं को healthy फूड पर ज़्यादा से ज़्यादा ध्यान देना चाहिए। क्योंकि आप क्या खाते हो वो दूध बनकर आपके बेबी तक पहुंचता है। इसलिए आप जितना खाएंगी उतना ही आपके बेबी के लिए फायदेमंद होगा।
टाइट ब्रा न पहनें
ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं को कभी भी टाइट ब्रा नहीं पहननी चाहिए। क्योंकि ब्रेस्टफीडिंग के दौरान स्तन पहले की तुलना में ज्यादा सेंसिटिव होते हैं जिसके कारण थोड़ी देर टाइट ब्रा पहनने से ब्रेस्ट में rashes हो सकते हैं। ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं के लिए नर्सरी ब्रा आती है । जिसमें वो आगे की तरफ से बटन खोलकर अपने शिशु को दूध पिला सकती है।
निप्पल को पहले साफ़ कर ले
कई महिलाएं अपने शिशु को कहीं भी और कैसे भी दूध पिलाना शुरू कर देती हैं। जबकि दूध पिलाने से पहले निप्पल को अच्छी तरह से गुनगुने पानी, कॉटन या टिश्यू से ज़रूर साफ़ करना चाहिए। हाथों की तरह निप्पल और ब्रेस्ट भी गंदे होते हैं। तो जैसे आप खाने से पहले हाथ धोती हैं वैसे ही शिशु को पिलाने से पहले निप्पल ज़रूर साफ़ करे।
गांठ न बनने के लिए मालिश करें
ब्रेस्टफीडिंग के बाद अक्सर महिलाओं को सैगिंग(ब्रैस्ट का लटकना) की शिकायत होती है। इसके लिए रोजाना ब्रेस्ट की मसाज करें। इससे ब्रेस्ट में ब्लड सर्कुलेशन तेज होगा जिससे दूध की गांठे ब्रेस्ट में नहीं बनेंगी और सैगिंग की भी समस्या नहीं होगी।
निप्पल पर घी लगाएं
कई बार ब्रेस्टफीडिंग कराने की वजह से निप्पल में दर्द होने लगता है। इससे बचने के लिए निप्पल पर घी लगाएं। ये निपप्ल को moisturise करता है और ड्राई नहीं होने देता। जिससे बच्चे के ज्यादा दूध पीने से भी निप्पल में किसी तरह का बुरा प्रभाव नहीं पड़ता।
ब्रैस्ट पर साबुन न लगाएं
ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली मां को नहाते समय ब्रेस्ट पर साबुन नहीं लगाना चाहिए क्योंकि साबुन में मौजूद केमिकल आपके निप्पल को कठोर और ड्राय बना सकते है। इसलिए नहाते समय सिर्फ गर्म पानी से ही उस जगह को साफ़ कर लें।
ब्रेस्टफीडिंग के समय (Breastfeeding tips hindi) इन सभी बातो का ख़ास ध्यान रखे ताकि आप और आपका बेबी हर प्रकार के इन्फेक्शन से बचा रहे और स्वस्थ रहे।