Chaitra Navratri 2024 : चैत्र नवरात्रि हिंदू धर्म के सबसे पवित्र और महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह नौ दिनों तक चलने वाला उत्सव मां दुर्गा की पूजा और आराधना के लिए समर्पित है। आगामी चैत्र नवरात्रि 9 अप्रैल 2024 से शुरू हो रही है, तो आइए जानते हैं इस पवित्र पर्व से जुड़ी 10 महत्वपूर्ण बातें।
10 बातें जो आपको अवश्य जाननी चाहिए
1. मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा : चैत्र नवरात्रि के दौरान, मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है, जिनमें से प्रत्येक शक्ति और दिव्य गुणों का प्रतिनिधित्व करता है। ये रूप हैं - शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, महागौरी, कात्यायनी, कालरात्रि और सिद्धदात्री।
2. कलश स्थापना : नवरात्रि के पहले दिन, कलश स्थापना की जाती है, जिसमें एक मिट्टी के घड़े में जौ बोया जाता है। यह कलश मां दुर्गा का प्रतीक माना जाता है और यह समृद्धि और शुभता का आह्वान करता है।
3. उपवास और सात्विक भोजन : कई भक्त नवरात्रि के दौरान उपवास रखते हैं और सात्विक भोजन का सेवन करते हैं, जिसमें फल, सब्जियां, और साबूदाना शामिल होते हैं। यह आत्मसंयम और आध्यात्मिक शुद्धि का अभ्यास माना जाता है।
4. गरबा और डांडिया का उत्सव : गुजरात और अन्य पश्चिमी भारतीय राज्यों में, नवरात्रि को गरबा और डांडिया रास जैसे उत्सवों के साथ मनाया जाता है।
5. कन्या पूजन की परंपरा : नवरात्रि के आठवें और नौवें दिन, कन्या पूजन की परंपरा निभाई जाती है। इसमें 9 कन्याओं को घर बुलाकर उनका पूजन किया जाता है और उन्हें भोजन कराया जाता है। यह कन्याओं को मां दुर्गा के नौ स्वरूपों का प्रतीक माना जाता है।
6. नवरात्रि के दौरान दान का महत्व : दान देना नवरात्रि का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। आप गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र या धन दान कर सकते हैं। यह पुण्य कर्म माना जाता है और इससे समाज में खुशहाली आती है।
7. घर की सफाई और सजावट : नवरात्रि के स्वागत के लिए घर की साफ-सफाई और सजावट की जाती है। रंगोली बनाई जाती है, घर को दीयों और फूलों से सजाया जाता है, जो सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
8. मंत्र जप और पाठ का महत्व : नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के मंत्रों का जप और दुर्गा सप्तशती जैसे धर्मग्रंथों का पाठ करना शुभ माना जाता है। इससे मन को शांति मिलती है और आध्यात्मिक विकास होता है।
9. नवरात्रि के दौरान शराब और मांसाहार का सेवन वर्जित: कई भक्त नवरात्रि के दौरान शराब और मांसाहार का सेवन नहीं करते हैं। यह आत्मसंयम और सात्विक जीवन का पालन करने का एक तरीका है।
10. विजयदशमी का पर्व : नवरात्रि का समापन दशम दिन विजयदशमी के पर्व के साथ होता है। इस दिन लोग कंजक पूजा करते हैं और छोटी कन्याओं को उपहार देते हैं। साथ ही, इस दिन शस्त्र पूजा का भी विधान है, जिसमें लोग अपने शस्त्रों और वाहनों की पूजा करते हैं। विजयदशमी बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है।