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कॉन्ट्रासेप्टिव और "कंबाइंड प्लीज(combined pills) भी कहते हैं। यह महिलाओं को अनचाही प्रेगनेंसी से बचाने में मदद करता है। दरअसल यह गोली लेने से ओवुलेशन बंद हो जाता है और ओवुलेशन ही नहीं होगा तो अंडे का उत्पादन भी नहीं होगा। वही बर्थ कंट्रोल पिल्स के प्रेगनेंसी के अलावा कई फायदे भी हैं जैसे कि पीरियड्स के वक्त दर्द को कम करना, PMS से राहत देना और आदि। लेकिन क्या आपको पता है इसके उतने ही नुकसान भी हैं। जानिए हार्मोनल कांटेक्ट के 5 नुकसान।
इसे लेने से वेजाइनल ब्लीडिंग होती है, अक्सर ब्लीडिंग 2 पीरियड्स साइकिल के बीच में होता है। हार्मोनल में बदलाव आने के कारण यह समस्या होती है। हालांकि गोली लेने के 3 महीने तक ऐसा होता है लेकिन धीरे-धीरे यह समस्या ठीक हो जाती है।
अगर कोई महिला पहली बार यह दवा लेती हैं तो उनका जी मचलता है। वहीं अगर इस गोली को खाने के साथ या सोने से पहले लिया जाएं तो इस समस्या से राहत मिल सकती है। यह समस्या भी धीरे-धीरे समय के साथ ठीक हो जाती है। लेकिन अगर 3 महीने बाद भी यह समस्या जारी है तो डॉक्टर से परामर्श जरूर कर लें।
बर्थ कंट्रोल पिल्स के कारण माइग्रेन और सर दर्द जैसी समस्या की आशंका बढ़ सकती है। सिर दर्द और साइनस के लक्षण अलग-अलग गोली और उसके डोज पर निर्भर करता है। अगर कम डोोज वाली गोली ली जाएं तो सिर दर्द कम हो सकता है।
हमारा मूड हार्मोन पर निर्भर करता है, लेकिन गोली से हार्मोन स्तर में बदलाव होने के कारण इसका सीधा असर हमारे मूड पर होता है। स्टडीज में हार्मोनल कॉन्ट्रासेप्टिव और डिप्रेशन के बीच लिंक पाया गया हैं। वही इसके कारण वजन भी बढ़ता है।
कॉन्ट्रासेप्टिव के कारण कई बार कम पीरियड या फिर पीरियड्स नहीं होता है। वही पीरियड मिस होने के कारण कई समस्याएं होती हैं जैसे कि तनाव, हार्मोनल बीमारी, इलनेस,थायराइड की समस्या और आदि।
हार्मोनल कॉन्ट्रासेप्टिव के नुकसान
1. मेंस्ट्रूअल स्पॉटिंग
इसे लेने से वेजाइनल ब्लीडिंग होती है, अक्सर ब्लीडिंग 2 पीरियड्स साइकिल के बीच में होता है। हार्मोनल में बदलाव आने के कारण यह समस्या होती है। हालांकि गोली लेने के 3 महीने तक ऐसा होता है लेकिन धीरे-धीरे यह समस्या ठीक हो जाती है।
2. जी मचलना
अगर कोई महिला पहली बार यह दवा लेती हैं तो उनका जी मचलता है। वहीं अगर इस गोली को खाने के साथ या सोने से पहले लिया जाएं तो इस समस्या से राहत मिल सकती है। यह समस्या भी धीरे-धीरे समय के साथ ठीक हो जाती है। लेकिन अगर 3 महीने बाद भी यह समस्या जारी है तो डॉक्टर से परामर्श जरूर कर लें।
3. माइग्रेन और सर दर्द होना
बर्थ कंट्रोल पिल्स के कारण माइग्रेन और सर दर्द जैसी समस्या की आशंका बढ़ सकती है। सिर दर्द और साइनस के लक्षण अलग-अलग गोली और उसके डोज पर निर्भर करता है। अगर कम डोोज वाली गोली ली जाएं तो सिर दर्द कम हो सकता है।
4. मूड में बदलाव आना
हमारा मूड हार्मोन पर निर्भर करता है, लेकिन गोली से हार्मोन स्तर में बदलाव होने के कारण इसका सीधा असर हमारे मूड पर होता है। स्टडीज में हार्मोनल कॉन्ट्रासेप्टिव और डिप्रेशन के बीच लिंक पाया गया हैं। वही इसके कारण वजन भी बढ़ता है।
5. पीरियड्स मिस होना
कॉन्ट्रासेप्टिव के कारण कई बार कम पीरियड या फिर पीरियड्स नहीं होता है। वही पीरियड मिस होने के कारण कई समस्याएं होती हैं जैसे कि तनाव, हार्मोनल बीमारी, इलनेस,थायराइड की समस्या और आदि।
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