हमारी चलती दौड़ती रोजमर्रा की जिंदगी एक पल में ही बदल गई जब कोविड-19 (एक वायरस) जो 2019 में महामारी बनकर पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले बैठा। कोरोना ने हम सभी की जिंदगियों को सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही प्रकार से प्रभावित किया है और कैसे किया है यह आज के ब्लॉग में हम बताएंगे -
सकारात्मक प्रभाव:
स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता
कोविड के आने से लोगों मे अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ते हुए देखने को मिली है। लोग हर 20 से 25 मिनट के बाद हाथ धोते हैं, सैनिटाइजर का सही तरह से उपयोग करते हैं और 2 गज की दूरी तथा मास्क का भी खयाल रखते हैं।
ऑनलाइन का नया विकल्प
COVID के दौर में जब लोग घर से बाहर नहीं जा पाए तो उन्होंने अपने ऑफिस, कॉलेज, स्कूल, आदि को घर पर ही बुला लिया ऑनलाइन (इंटरनेट) के जरिए। लोगों ने शिक्षा से लेकर व्यापार को ऑनलाइन कर एक नया और सुनहरा विकल्प निकाला।
फैमिली के साथ क्वालिटी टाइम
जो लोग हर वक्त अपने काम में ही व्यस्त रहा करते थे उन्हें घर पर रहकर अपनी फैमिली के साथ क्वालिटी टाइम बताने का मौका मिला। उन्हें एक दूसरे को और भी ज्यादा जानने का समय मिला और फैमिली की अहमियत का इल्म भी हो गया।
अपनी पसंद नापसंद को जाना
लॉकडाउन में घर में रहकर लोगों ने अपनी पसंद ना पसंद को खुलकर जाना है और उन कामों को करने का समय निकाला जिनसे उन्हें खुशी मिलती है जैसे खाना बनाना, गाना, डांस करना, पेंटिंग, आदि।
नकारात्मक प्रभाव:
1. मानसिक तनाव
लॉकडाउन में बिना घर से बाहर निकली महीनों तक घरों में रहने स्कूल कॉलेज व ऑफिस ना जाने से कई लोग मानसिक तनाव का शिकार हुए हैं। कई लोगों को एंजाइटी व डिप्रेशन जैसी गंभीर समस्याओं से भी जूझना पड़ा।
2. बेरोज़गारी
कोविड के चलते कई सारी कंपनियों व फैक्ट्रियों में ताले लग गए। हजारों की संख्या में मजदूर बेरोजगार हो गए। उनके पास पीने तक को पानी तक नहीं रहा और उन्हें बिना किसी वाहन की पैदल ही अपने गांव के लिए प्रस्थान करना पड़ा है।
3. इम्यूनिटी का कमज़ोर होना
कोविड-19 नहीं लोगों की सेहत पर नकारात्मक प्रभाव डाला है। यह वायरस इम्यूनिटी को कमजोर करके इंसान की सहन क्षमता को कम कर देता है। इसी कारण लोग आसानी से बीमार हो जाते हैं लेकिन ठीक होने में उन्हें बहुत वक्त लग रहा है और तो और इतने ही लोगों ने अपनी जान भी गंवा दी।