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Corona Third Wave : क्या तीसरी लहर का कारण डेल्टा वैरिएंट होगा ?

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Swati Bundela
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Corona Third Wave : कोरोना की दूसरी लहर अभी थमी ही है लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि तीसरी लहर नहीं आ सकती है। एक्सपर्ट्स का ऐसा कहना है कि तीसरी लहर आने का कारण कोरोना का नया डेल्टा प्लस वैरिएंट भी हो सकता है।

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क्या है डेल्हा प्लस वैरिएंट कोरोना का ?



विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पिछले महीने B.1.617.2 स्ट्रेन को SARS-CoV-2 के ‘डेल्टा’ संस्करण के रूप में टैग किया था। लेकिन अब डेल्टा वेरिएंट का नया रूप सामने आया है और यह अधिक खतरनाक साबित हो सकता है।

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डेल्टा प्लस वेरिएंट खतरनाक क्यों है ?



पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड ने कोरोनोवायरस वेरिएंट पर अपनी रिपोर्ट में कहा कि 7 जून तक, डेल्टा प्लस वेरिएंट के भारत के 6 मामलों की पहचान की गई है। स्वास्थ्य एजेंसी ने डेल्टा वेरिएंट के K417N म्यूटेशन के साथ कुल 63 जीनोम की उपस्थिति की पुष्टि की है।

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दिल्ली बेस्ट साइंटिस्ट विनोद स्कारिया ने अपने ट्वीट के जरिए बताया कि यह वायरस हमारे शरीर में जाकर हमारे ह्यूमन सेल्स को संक्रमित कर सकती है। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि “इस समय भारत में K417N का वैरिएंट फ़्रीक्वेंसी अधिक नहीं है। ज्यादातर यूरोप, एशिया और अमेरिका के हैं। ”

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डेल्टा प्लस वेरिएंट का हमारी बॉडी पर क्या असर होता है ?



डॉ विनोद स्कारिया के अनुसार K417N मोनोक्लोनल एंटीबॉडी Casirivimab और Imdevimab का असर कम कर सकता हैं। कोविड-19 के इलाज के लिए सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल आर्गेनाइजेशन ने मोनोक्लोनल एंटीबॉडी कॉकटेल को इस्तेमाल करने की मंजूरी दी गई है।



चिकित्सा शोधकर्ता डॉ अग्रवाल का विचार है कि पूरी तरह से टीका लगाए गए व्यक्तियों के रक्त प्लाज्मा को डेल्टा प्लस संस्करण के खिलाफ परीक्षण करना होगा। ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि यह शरीर की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया से कोई महत्वपूर्ण पलायन दिखाता है या नहीं।कोरोना की दूसरी लहर अभी थमी ही है लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि तीसरी लहर नहीं आ सकती है। एक्सपर्ट्स का ऐसा कहना है कि तीसरी लहर आने का कारण कोरोना का नया डेल्टा प्लस वैरिएंट भी हो सकता है।
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