Corona Vaccine vs Delta Variant : वैक्सीन डेल्टा वैरिएंट पर 8 गुना कम असरदार

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Swati Bundela
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इंडिया में फिल्हाल डेल्टा वैरिएंट को लेकर कोहराम मचा हुआ है। सभी जगह इसको कण्ट्रोल करने को लेकर और वैक्सीन को लेकर स्टडी की जा रही है। एक स्टडी में ऐसा देखा गया है कि कोरोना वैक्सीन से जो एंटीबाडी हमारी बॉडी में बनेगीं वो डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ 8 गुना कम असरदार होंगी। ऐसा इसलिए है क्योंकि वैक्सीन कोरोना के SARS - CoV -2 ओरिजिनल स्ट्रेन को ध्यान में रख कर बनाई गयी है जो कि चीन के वुहान से फैला था।

वैक्सीन कोरोना के डेल्टा स्ट्रेन पर कितनी असरदार हैं ?


एक वैक्सीन के सिंगल डोज़ से तो इसके खिलाफ बहुत कम प्रोटेक्शन ही होता है। दूसरे डोज़ से इतना प्रोटेक्शन हो सकता है कि आप सीरियस नहीं होंगे। हमें ये याद रखने की जरुरत है कि कोरोना की वैक्सीन हमें पूरी तरीके से बीमारी से नहीं बचती है बस बीमारी को गंभीर होने से बचाती है।

Pfizer वैक्सीन का पहला डोज़ कोरोना के खिलाफ 33 % इफेक्टिव है और दूसरा डोज़ 88 % इफेक्टिव। इसके बाद AstraZeneca वैक्सीन पहले डोज़ के बाद 33 % और दूसरे के बाद 60 % तक इफेक्टिव है।

अभी फिल्हाल जो वैक्सीन इंडिया में इस्तेमाल की जा रही है उनके खिलाफ भी ये इसी तरीके से असरदार होगा। वैक्सीन और डेल्टा प्लस वैरिएंट को लेकर अभी सब जगह स्टडीज चल रही हैं।

डेल्टा वैरिएंट की वैक्सीन को लेकर क्या परेशानी आ रही है ?


इस तरीके के म्यूटेशन होने के कारण हो सकता है कि ये इम्यून सिस्टम को पीछे छोड़ दे और इस से बच जाये। डेल्टा के ऊपर वैक्सीन का असर भी कम होता है। एक वैक्सीन के सिंगल डोज़ से तो इसके खिलाफ बहुत कम प्रोटेक्शन ही होता है। दूसरे डोज़ से इतना प्रोटेक्शन हो सकता है कि आप सीरियस नहीं होंगे। हमें ये याद रखने की जरुरत है कि कोरोना की वैक्सीन हमें पूरी तरीके से बीमारी से नहीं बचती है बस बीमारी को गंभीर होने से बचाती है।
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