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COVID-19 Delta Variant : यह खतरनाक वैरिएंट वैक्सीन को भी चुनौती देता है

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Swati Bundela
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COVID-19 Delta Variant  : COVID-19 डेल्टा वैरिएंट को लेकर सभी जगह सब परेशान हैं। डेल्टा वैरिएंट की वजह से कोरोना अभी तक शांत नहीं हो पाया है। वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन बार बार इस वैरिएंट को लेकर वार्न कर चुके हैं।

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डेल्टा कैसे आया और बड़ा ?



डेल्टा वैरिएंट (B.1.617.2) सबसे पहले आराम से अक्टूबर के करीब महाराष्ट्र में आया। इस वक़्त इंडिया में कोरोना के केसेस 40,000 से 80,000 थे। अप्रैल के वक़्त सेकंड वेव ने बुरी तरीके से हिट करा और 40,000 रोज के केसेस निकलने लगे। इस वक़्त डेल्टा वैरिएंट तेज़ी से बड़ा और एक मेन स्ट्रेन बन गया।

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डेल्टा किन किन देशों में फेल चुका है ?



WHO ने मई 11 को इसको एक चिंताजनक वैरिएंट घोषित कर दिया था और ये ऐसा चौथा वैरिएंट था। डेल्टा संस्करण तेजी से दुनिया भर में फैल गया और अब तक कम से कम 98 देशों में इसकी पहचान की गई है। यह अब यूके, रूस, इंडोनेशिया, वियतनाम, ऑस्ट्रेलिया और फिजी जैसे विविध देशों में मेन स्ट्रेन है। और यह बढ़ रहा है।

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यूनाइटेड स्टेट्स में 5 में से 1 इंसान डेल्टा वैरिएंट से इन्फेक्टेड होने लगा। इंग्लैंड के पब्लिक हेल्थ ने बताया कि एक हफ्ते में इसके 35,204 मामले बड़ चुके हैं। ये ज्यादातर कम उम्र लोगों में और उन लोगों में देखा गया जिन्होंने वैक्सीन नहीं लगवाई है।

डेल्टा को लेकर चिंता करने की जरुरत क्यों है ?

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स्कॉटलैंड की एक स्टडी में ऐसा देखा गया कि डेल्टा वैरिएंट जिन लोगों को था उनको 85 % ज्यादा होस्पिटलाइसेशन की जरुरत पड़ी जिन में से ज्यादातर लोग वो थे जिनको वैक्सीन नहीं लगी थी।

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डेल्टा के ऊपर वैक्सीन कितनी असरदार है ?



Pfizer वैक्सीन का पहला डोज़ कोरोना के खिलाफ 33 % इफेक्टिव है और दूसरा डोज़ 88 % इफेक्टिव। इसके बाद AstraZeneca वैक्सीन पहले डोज़ के बाद 33 % और दूसरे के बाद 60 % तक इफेक्टिव है।



अभी फिल्हाल जो वैक्सीन इंडिया में इस्तेमाल की जा रही है उनके खिलाफ भी ये इसी तरीके से असरदार होगा। वैक्सीन और डेल्टा प्लस वैरिएंट को लेकर अभी सब जगह स्टडीज चल रही हैं।
सेहत
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