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दिल्ली की वेटरनरी स्टूडेंट स्ट्रीट डॉग्स को रोजाना खाना खिलाती है

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Swati Bundela
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राजस्थान के अरावली वेटरनरी कॉलेज के फोर्थ ईयर में थीं जब पिछले साल कोरोना आया। जब पूरी इंडिया में लॉकडाउन लगा था और सिटीज बंद थीं इन्होंने कुत्तों को खाना खिलाना चालू किया।
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कैसे खिलाती हैं विभा तोमर कुत्तों को खाना ?


अभी विभा की ऑनलाइन क्लासेज चल रही हैं तो दिन में 2 से 5 बजे तक ये पढाई करती हैं। अपनी मम्मी को भी ये खाना बनाने में मदद करती हैं। इसके बाद यह क्लासेज लेने के बाद शाम के टाइम 7 बजे के करीब
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खाना खिलाने जाती है। विभा का खुद का कुत्ता भी था जिस का नाम ऑस्कर था और जो चार साल पहले ख़त्म हो गया था जब ही इन्होंने ये चैरिटेबल ट्रस्ट खोला था जिस में ये रोड साइड के जानवरों और कुत्तों को खाना खिलाती हैं।

ये कहाँ कहाँ कुत्तों को खाना खिलाने जाती हैं ?

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ये दिल्ली की बहुत सी जगह जाती हैं जैसे कि इंडिया गेट, जनपत, साकेत, छतरपुर, सरोजिनी नगर, ढोकला कौन और चाणक्यपुरी। ये रास्ते में और जानवरों को भी खिलाती हैं जैसे कि बन्दर, चिड़िया और बिल्ली वगेरा। इनको सब जगह खाना खिलाने में रोजाना 6 से 7 घण्टे लगते हैं। ये खाना हमेशा पत्ते से बनी थालियों में खाना खिलाती हैं ताकि प्लास्टिक से वास्ते ज्यादा न बड़े। इसके अलावा ये कुत्तों को चमकीले वाले बेल्ट वगेरा भी पहनाती हैं ताकि रात को कुत्तों को कोई टक्कर वगेरा न मार दे।

सर्दियां हों या बारिश ये हमेशा कुत्तों के लिए सोने की और सेफ्टी की व्यवस्था करती रहती हैं। ये सर्दियों में इनके लिए टायर के घर भी बनाती हैं और गर्मियों में सभी जगह इनके लिए पानी वगेरा भी रखती हैं। अब इनके साथ इनके फ्रेंड्स वगेरा भी जाने लगे हैं इस से और जानवरों की मदद हो पा रही है।
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