New Update
डेल्टा प्लस वेरिएंट - देश भर में जहां अभी कोरोना की दूसरी लहर के मामले कम हो रहे थे। वही अब कोरोनावायरस के नए डेल्टा वेरिएंट को फैलने से रोकने के लिए नियंत्रण प्रयास किया जा रहा है, जो अब डेल्टा प्लस के रूप में फैल रहा है।डेल्टा प्लस, जिसे 'एवाई.1' संस्करण या बी.1.617.2.1 के रूप में भी जाना जाता है। इसे कोविड-19 का सबसे खतरनाक संस्करण माना जा रहा है। डेल्टा प्लस वेरिएंट के तीन राज्योंं में मामले भी सामनेेे आए हैं।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने सोमवार को कहा कि राज्य में डेल्टा प्लस संस्करण के 21 मामले सामने आए हैं। इनमें से नौ जलगांव से, सात मुंबई से और एक-एक सिंधुदुर्ग, ठाणे और पालगढ़ जिलों से हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने जीनोम सीक्वेंसिंग के संबंध में एक निर्णय लिया है और प्रत्येक जिले से 100 नमूने लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसमें काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल (सीएसआईआर) इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी (आईजीआईबी) शामिल है। उन्होंने कहा की '15 मई से अब तक 7,500 नमूने लिए गए हैं जिनमें डेल्टा प्लस के करीब 21 मामले पाए गए हैं।
केरल सरकार के अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि पलक्कड़ और पठानमठ जिलों से एकत्र किए गए सैंपल्स में डेल्टा प्लस वेरिएंट पाए गए हैं। अधिकारियों ने इसे फैलने से रोकने के लिए इन क्षेत्रों में कड़े कदम उठाए हैं।
पलक्कड़ में वैरिएंट से दो लोग संक्रमित पाए गए हैं जबकि पठानमथिट्टा में एक मामला सामने आया है।
भारत में डेल्टा प्लस वैरिएंट का पहला मामला मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 65 वर्षीय महिला में पाया गया था। उनके सैंपल्स 23 मई को एकत्र किया गया था और 16 जून को नेशनल सेंट्रल फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) की रिपोर्ट के अनुसार वह डेल्टा प्लस वेरिएंट से संक्रमित पाई गई थी।
महाराष्ट्र
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने सोमवार को कहा कि राज्य में डेल्टा प्लस संस्करण के 21 मामले सामने आए हैं। इनमें से नौ जलगांव से, सात मुंबई से और एक-एक सिंधुदुर्ग, ठाणे और पालगढ़ जिलों से हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने जीनोम सीक्वेंसिंग के संबंध में एक निर्णय लिया है और प्रत्येक जिले से 100 नमूने लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसमें काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल (सीएसआईआर) इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी (आईजीआईबी) शामिल है। उन्होंने कहा की '15 मई से अब तक 7,500 नमूने लिए गए हैं जिनमें डेल्टा प्लस के करीब 21 मामले पाए गए हैं।
केरल
केरल सरकार के अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि पलक्कड़ और पठानमठ जिलों से एकत्र किए गए सैंपल्स में डेल्टा प्लस वेरिएंट पाए गए हैं। अधिकारियों ने इसे फैलने से रोकने के लिए इन क्षेत्रों में कड़े कदम उठाए हैं।
पलक्कड़ में वैरिएंट से दो लोग संक्रमित पाए गए हैं जबकि पठानमथिट्टा में एक मामला सामने आया है।
मध्य प्रदेश
भारत में डेल्टा प्लस वैरिएंट का पहला मामला मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 65 वर्षीय महिला में पाया गया था। उनके सैंपल्स 23 मई को एकत्र किया गया था और 16 जून को नेशनल सेंट्रल फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) की रिपोर्ट के अनुसार वह डेल्टा प्लस वेरिएंट से संक्रमित पाई गई थी।