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Delta Plus Variant : डेल्टा प्लस वेरिएंट का बढ़ा खतरा, 100 से ज्यादा जिलों में फैला

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Swati Bundela
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डेल्टा प्लस वेरिएंट फैला - देशभर में कोरोनावायरस के मामले कम हो ही रहे थे की अब कोरोनावायरस का नया संक्रमण सामने आ गया है। डेल्टा के बाद अब डेल्टा प्लस का कहर बढ़ता दिख रहा हैं। रिपोर्ट के अनुसार हाल ही में 174 जिलों में इसके मामले देखे जा रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि 10 राज्यों में 48 नमूनों में डेल्टा प्लस के सामने आए हैं। वही उन्होंने यह भी बताया कि अप्रैल-मई में संक्रमण की दूसरी लहर में डेल्टा संस्करण का प्रमुख योगदान था। मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों से पता चला है कि मार्च में देश भर के 52 जिलों में संस्करण मौजूद था और जून तक 174 जिलों में फैल गया।

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कोरोना का खतरा नहीं हुआ है खत्म



आईसीएमआर चीफ़ डॉ बलराम भार्गव ने इस वेरिएंट को लेकर चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि भले ही 500 से अधिक ज़िलों में अब 5 प्रतिशत से कम कोरोनावायरस के मामले आ रहे हैं। लेकिन फिर भी महामारी की दूसरी लहर अभी समाप्त नहीं हुई है।

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डॉ भार्गव ने कहा कि " देश में दूसरी लहर अभी खत्म नहीं हुई है। हमारे पास अभी भी 75 जिले हैं जिनमें 10 प्रतिशत से अधिक मामले है, और 92 जिले हैं जिनमें 5 प्रतिशत से 10 प्रतिशत मामले अभी भी है। यह जिले महत्वपूर्ण हैं, हम इन जिलों को मदद से तीसरी लहर को रोक सकते है। इसके लिए हर व्यक्ति को क्विट के नियमों का पालन कर, ज्यादा लोगों से मिलने से बचें।



डेल्टा प्लस का खतरा

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स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कोरोनवायरस के डेल्टा प्लस संस्करण को वैरीअंट ऑफ कंसर्न(VOC) के रूप में कैटेगरीज किया। इसके अलावा जिन राज्यों में फैल चुका है राज्यों को उन समूहों में तत्काल रोकथाम के उपाय करने का निर्देश दिया गया है।
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इन राज्यों में है इसके मामले



राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के निदेशक डॉ सुजीत कुमार सिंह ने बताया कि 10 राज्यों में डेल्टा प्लस के 48 मामले मिले हैं। जिसमें से महाराष्ट्र में 20, तमिलनाडु 9 और मध्य प्रदेश 7 में इसके साथ मामले मिले हैं।
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इसके अलावा सात राज्यों ने देश में कुल वीओसी के लगभग 50 प्रतिशत मामले सामने आए है। जिसमें से दिल्ली (2,973), केरल (2,382), पश्चिम बंगाल (1,553), पंजाब (1,431), तेलंगाना (1,127), हरियाणा (945) और आंध्र प्रदेश (829) हैं।



हालांकि डॉ सिंह ने कहना है कि अभी ऐसा कोई सबूत नहीं है जो यह बताता सके कि डेल्टा प्लस संस्करण डेल्टा की तुलना में काफी अधिक खतरनाक है।
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