New Update
आज कल के बच्चे फ़ोन को लेकर बहुत जिद्दी होते जा रहे हैं। इस में गलती पेरेंट्स की भी है वो बचपन से ही जब भी बच्चा रोता है तो उसके सामने फ़ोन रख देते हैं। इस से बच्चे को आदत लग जाती है और फिर वो हमेशा ऐसे ही ज़िद करने लग जाते हैं। आजकल बच्चे के लिए सबसे जरुरी एक अच्छा मोबाइल फ़ोन माना जाता है। बच्चे को फ़ोन के नुकसान
आज के दौर में मोबाइल फ़ोन इंसान के जीवन का जरुरी हिस्सा बन चुका है। बड़ों को हर वक़्त फोन लिए देख देख कर छोटे बच्चे भी आजकल फ़ोन की ज़िद करने लगे हैं। बड़े लाड प्यार के कारण बच्चो को कम उम्र में ही फ़ोन दे देते हैं। बच्चों के ऊपर इस के कई मानसिक और शारीरिक दुष्प्रभाव होते हैं।
जब बच्चा फ़ोन चलाता है तो वो आस पास के माहौल से कट जाता है और सारी ऊर्जा फ़ोन में ही लगा देता है। ऐसा करने से वो और किसी भी काम में मन नहीं लगा पाते हैं ओर वो लोगों से भी अच्छे से जुड़ नहीं पाते है। इस से जिस हिसाब से बच्चे का मानसिक विकास होना चाहिए उस में कमी आ जाती है।
हर इंसान 1 मिनट में 15 से 20 बार पलक झपकाता है और जब हम फ़ोन चलाते हैं तो हम पलक कम झपकाते हैं जिसके कारण आँखों में दर्द ,सूखापन ओर खिचाव होने लगता है। इसके कारण कम उम्र में चश्मा भी लग जाता है।
जब बच्चे घंटों तक फ़ोन में कार्टून ओर गेम्स खेलते रहते हैं तो फ़ोन से निकलने वाली हानिकारक ब्लू रौशनी से बच्चे की नींद उड़ जाती है। इसके कारण वो रात रात भर जागते हैं ओर बड़ों को भी परेशान कर देते हैं।
विशेषज्ञों ने ऐसा कहा है कि छोटे छोटे नवजात बच्चे जब तरह तरह के चित्र और रंग देखते हैं तो वो उस से आकर्षित होते हैं। इसी के कारण बच्चे फ़ोन के लिए इतना रोना चालू कर देते हैं और उसी को देख कर चुप होते हैं। फ़ोन से निकलने वाली आवाज और लाइट बच्चों को फ़ोन की ओर खींचती है।
फ़ोन के दुष्प्रभाव को समझना है जरुरी -
आज के दौर में मोबाइल फ़ोन इंसान के जीवन का जरुरी हिस्सा बन चुका है। बड़ों को हर वक़्त फोन लिए देख देख कर छोटे बच्चे भी आजकल फ़ोन की ज़िद करने लगे हैं। बड़े लाड प्यार के कारण बच्चो को कम उम्र में ही फ़ोन दे देते हैं। बच्चों के ऊपर इस के कई मानसिक और शारीरिक दुष्प्रभाव होते हैं।
1. मेन्टल ग्रोथ रुकती है और पढाई में मन नहीं लगता है
जब बच्चा फ़ोन चलाता है तो वो आस पास के माहौल से कट जाता है और सारी ऊर्जा फ़ोन में ही लगा देता है। ऐसा करने से वो और किसी भी काम में मन नहीं लगा पाते हैं ओर वो लोगों से भी अच्छे से जुड़ नहीं पाते है। इस से जिस हिसाब से बच्चे का मानसिक विकास होना चाहिए उस में कमी आ जाती है।
2. चश्मा लग जाता है और आँखों की समस्याएं हो जाती हैं
हर इंसान 1 मिनट में 15 से 20 बार पलक झपकाता है और जब हम फ़ोन चलाते हैं तो हम पलक कम झपकाते हैं जिसके कारण आँखों में दर्द ,सूखापन ओर खिचाव होने लगता है। इसके कारण कम उम्र में चश्मा भी लग जाता है।
3. सोने में परेशानी होने लगती है - बच्चे को फ़ोन के नुकसान
जब बच्चे घंटों तक फ़ोन में कार्टून ओर गेम्स खेलते रहते हैं तो फ़ोन से निकलने वाली हानिकारक ब्लू रौशनी से बच्चे की नींद उड़ जाती है। इसके कारण वो रात रात भर जागते हैं ओर बड़ों को भी परेशान कर देते हैं।
4. बुरी आदत बन जाती है
विशेषज्ञों ने ऐसा कहा है कि छोटे छोटे नवजात बच्चे जब तरह तरह के चित्र और रंग देखते हैं तो वो उस से आकर्षित होते हैं। इसी के कारण बच्चे फ़ोन के लिए इतना रोना चालू कर देते हैं और उसी को देख कर चुप होते हैं। फ़ोन से निकलने वाली आवाज और लाइट बच्चों को फ़ोन की ओर खींचती है।