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हम हमारे आसपास यह बहुत शुरुआत से देखते आ रहे हैं कि किस तरह टेलीवजन और एडवरटाइजमेंट औरतों की सुंदरता को अपने हिसाब से डिफाइन करते हैं। कभी चेहरे का गोरा रंग तो कभी बेदाग चेहरा और ना जाने कैसी कैसी चीज़े हैं जो औरतों की उस सुंदरता को बनाए रखने के लिए प्रचलित है जो सुंदरता टेलीविजन और एडवर्टाइजमेंट की डेफिनेशन में हमने देखी है। उसी प्रकार से एक है महिलाओं के बॉडी हेयर्स का साफ़ किया जाना।
हर महिला अपनी जिंदगी में कभी ना कभी किसी ना किसी को सुनकर अपने बॉडी हेयर्स पर रेजर या वैक्सिंग का इस्तेमाल जरूर करती हैं जिसका मुख्य कारण होता है इन शरीर के बालों को औरतों की सुंदरता के साथ जोड़ा जाना।
जब भी कोई महिला के अंडर आर्म और शरीर के किसी भी हिस्से पर बाल देखे जाते हैं तो उसे इस तरह ट्रीट किया जाता है कि ना जाने वह कितनी अनहाइजीनिक है और बे समझ है।
अगर हम शेविंग या बॉडी हेयर्स के रिमूवल के इतिहास की तो बॉडी हेयर रिमूविंग को हमेशा सर्वाइवल या जीवन व्यापन के लिए एक तकनीकी तौर पर इस्तेमाल किया जाता था। पहले के समय में बालों का साफ करना युद्ध और बैटल्स के दौरान अपने जीवन को बचाने का एक तरीका था, उस समय में लोगों के सिर के बाल भी हटा दिए जाते थे ताकि उनका शत्रु उनके बालों से उन्हें न खींचे। साथ ही इसका इस्तेमाल हेयर फ्रोस्टिंग या फ्रोस्टबाइट्स से बचने के लिए भी इस्तेमाल होता था।
लेकिन जैसे-जैसे समय बीता महिलाओं के शरीर के बाल उनकी खूबसूरती से जोड़े जाने लगे। महिलाओं के बॉडी हेयर्स को उनकी खूबसूरती से जोड़ने का सबसे बड़ा जरिया रहा मीडिया।
मीडिया टेलीविजन और एडवर्टाइजमेंट कंपनीज ने हमेशा से महिलाओं की खूबसूरती को ना जाने किस-किस चीज से जुड़ा लेकिन बॉडी हेयर से खूबसूरती का जोड़ना महिलाओं को और भी ज्यादा इनफीरियर और कम कॉन्फिडेंट बनाता है।
जबकि हर महिला को यह समझना जरूरी है कि उनके बॉडी हेयर्स उनकी खूबसूरती को काम नहीं करते हैं बल्कि उन्हें ऐसे माहौल में खुद को एक्सेप्ट करने का कॉन्फिडेंस देते हैं।
क्यों औरतों के बॉडी हेयर्स को उनकी सुंदरता पर दाग माना जाता है?
हर महिला अपनी जिंदगी में कभी ना कभी किसी ना किसी को सुनकर अपने बॉडी हेयर्स पर रेजर या वैक्सिंग का इस्तेमाल जरूर करती हैं जिसका मुख्य कारण होता है इन शरीर के बालों को औरतों की सुंदरता के साथ जोड़ा जाना।
जब भी कोई महिला के अंडर आर्म और शरीर के किसी भी हिस्से पर बाल देखे जाते हैं तो उसे इस तरह ट्रीट किया जाता है कि ना जाने वह कितनी अनहाइजीनिक है और बे समझ है।
क्या सचमुच औरतों के बॉडी हेयर्स उन्हें कम आकर्षित बनाते हैं ?
अगर हम शेविंग या बॉडी हेयर्स के रिमूवल के इतिहास की तो बॉडी हेयर रिमूविंग को हमेशा सर्वाइवल या जीवन व्यापन के लिए एक तकनीकी तौर पर इस्तेमाल किया जाता था। पहले के समय में बालों का साफ करना युद्ध और बैटल्स के दौरान अपने जीवन को बचाने का एक तरीका था, उस समय में लोगों के सिर के बाल भी हटा दिए जाते थे ताकि उनका शत्रु उनके बालों से उन्हें न खींचे। साथ ही इसका इस्तेमाल हेयर फ्रोस्टिंग या फ्रोस्टबाइट्स से बचने के लिए भी इस्तेमाल होता था।
लेकिन जैसे-जैसे समय बीता महिलाओं के शरीर के बाल उनकी खूबसूरती से जोड़े जाने लगे। महिलाओं के बॉडी हेयर्स को उनकी खूबसूरती से जोड़ने का सबसे बड़ा जरिया रहा मीडिया।
क्यों बॉडी हेयर्स का रिमूव होना खुबसूरती से जुड़ना नहीं होना चाहिए ?
मीडिया टेलीविजन और एडवर्टाइजमेंट कंपनीज ने हमेशा से महिलाओं की खूबसूरती को ना जाने किस-किस चीज से जुड़ा लेकिन बॉडी हेयर से खूबसूरती का जोड़ना महिलाओं को और भी ज्यादा इनफीरियर और कम कॉन्फिडेंट बनाता है।
जबकि हर महिला को यह समझना जरूरी है कि उनके बॉडी हेयर्स उनकी खूबसूरती को काम नहीं करते हैं बल्कि उन्हें ऐसे माहौल में खुद को एक्सेप्ट करने का कॉन्फिडेंस देते हैं।