Post-Diwali Pollution Safety Tips: दिवाली का त्योहार खुशियों और रोशनी का प्रतीक है, लेकिन इसके बाद बढ़ता हुआ प्रदूषण कई लोगों के लिए स्वास्थ्य समस्या बन जाता है। पटाखों से निकलने वाला धुआं और अन्य प्रदूषण तत्व हवा में घुलकर हवा की गुणवत्ता को खराब कर देते हैं, जिससे सांस लेने में दिक्कत होती है, खासकर बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा या अन्य सांस की बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए यह एक गंभीर समस्या बन जाती है। ऐसे में प्रदूषण से बचने के लिए कुछ आसान और प्रभावी उपायों को अपनाना जरूरी हो जाता है।
दिवाली के बाद प्रदूषण से बचने के क्या है आसान उपाय
1. घर में हवा को साफ रखें
घर में ताजे और साफ हवा के लिए कमरे की खिड़कियों और दरवाजों को बंद रखें। खासकर दिवाली के बाद जब हवा में प्रदूषण ज्यादा हो, तो घर के भीतर एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें। एयर प्यूरीफायर से आप हवा में मौजूद हानिकारक कणों और प्रदूषण को फिल्टर कर सकते हैं।
2. मास्क का इस्तेमाल करें
अगर आपको बाहर जाना है तो बाहर जाने से पहले एन95 मास्क या किसी अच्छे गुणवत्ता वाले मास्क का उपयोग करें। यह मास्क प्रदूषण के हानिकारक कणों को नाक और मुंह में जाने से रोकता है और आपको सांस लेने में मदद करता है।
3. पानी का सेवन बढ़ाएं
प्रदूषण के कारण श्वसन तंत्र पर दबाव पड़ता है, इसलिए पानी पीने की मात्रा बढ़ा लें। इससे आपके शरीर में मौजूद प्रदूषण को बाहर निकालने में मदद मिलती है और आपके शरीर को हाइड्रेटेड रखा जाता है। आप हलका गर्म पानी, हर्बल चाय, या सूप भी ले सकते हैं जो आपके श्वसन तंत्र को राहत देते हैं।
4. पौधों का रख-रखाव करें
घर में हरे-भरे पौधे रखने से हवा में ताजगी बनी रहती है और ये प्रदूषण को भी कम करने में मदद करते हैं। खासकर ऐसे पौधे जो ऑक्सीजन का उत्सर्जन करते हैं जैसे तुलसी, नीम, एलोवेरा, आदि, उन्हें अपने घर में रखें। ये पौधे हवा को शुद्ध करते हैं और आपके स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाते हैं।
5. बाहर जाने से बचें
अगर प्रदूषण की स्थिति गंभीर हो, तो जितना हो सके बाहर जाने से बचें। विशेष रूप से सुबह और शाम के समय जब हवा में प्रदूषण अधिक होता है, तो घर पर ही रहें। यदि बाहर जाना जरूरी हो, तो पूरी सावधानी बरतें और मास्क का इस्तेमाल करें।
6. सफाई का ध्यान रखें
घर के अंदर धूल और गंदगी को जमा न होने दें क्योंकि यह भी प्रदूषण का कारण बन सकता है। नियमित रूप से सफाई करें और वेंटिलेशन की व्यवस्था ठीक रखें। घर के एसी और कूलर के फिल्टर को साफ रखें ताकि वे साफ हवा प्रदान करें।
7. योग और प्राणायाम करें
प्रदूषण के कारण सांस लेने में परेशानी हो सकती है, ऐसे में योग और प्राणायाम से आपकी श्वसन क्षमता में सुधार हो सकता है। प्राणायाम के कुछ आसान अभ्यास जैसे अनुलोम-विलोम, कपालभाति और भ्रामरी श्वास के रास्ते में बाधाएं दूर करने में मदद करते हैं और आपके शरीर को ताजगी देते हैं।
8. हानिकारक खाद्य पदार्थों से बचें
प्रदूषण के दौरान शरीर में इन्फ्लेमेशन (सूजन) बढ़ सकता है, इसलिए ताजे फल, सब्जियों और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर आहार का सेवन करें। हरी पत्तेदार सब्जियां, मौसमी फल और ग्रीन टी आपके शरीर को अंदर से शुद्ध करने में मदद करते हैं।
9. श्वसन की समस्याओं में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें
यदि प्रदूषण के कारण आपकी सांस लेने में गंभीर समस्या हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और अन्य श्वसन संबंधित समस्याएं प्रदूषण से और बढ़ सकती हैं, इसलिए इनका इलाज समय पर करवाना बेहद जरूरी है।
10. बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें
बच्चों और बुजुर्गों के लिए प्रदूषण विशेष रूप से हानिकारक हो सकता है, क्योंकि उनके श्वसन तंत्र पर इसका ज्यादा प्रभाव पड़ता है। उन्हें घर के अंदर रखें और बाहर न भेजें। यदि बाहर जाना जरूरी हो, तो उन्हें पूरी तरह से मास्क पहनाकर भेजें और शारीरिक गतिविधियों से बचने को कहें।