महिलाओं में बेहतर रिप्रोडक्शन प्रक्रिया के लिए यूट्रस का हेल्दी रहना बहुत जरूरी है। महिलाओं में होने वाली बहुत सी समस्याएं यूटरस हेल्थ से जुड़ी होती हैं। यूट्रस में होने वाले इंफेक्शन और कैंसर जैसी समस्याओं से बचने के लिए यह जरूरी है कि हम अपने यूट्रस की हेल्थ का ध्यान रखें। कुछ लोग रिप्रोडक्शन प्रक्रिया को रेगुलर करने के लिए मेडिकल सप्लीमेंट्स का सेवन करते हैं।
लेकिन इनका अधिक मात्रा में सेवन करने से इसके साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। इसलिए हम आपको बताने जा रहे हैं इसके कुछ प्राकृतिक उपाय। आप सिर्फ कुछ फूड्स खाकर भी अपने यूट्रस को हेल्दी रख सकते हैं। लेकिन वह फूड्स कौन से हैं इसे जानने के लिए पूरा आर्टिकल जरूर पढ़ें।
हेल्थी यूट्रस के लिए फूड्स -
1. सूखे मेवा और बीज
अपने यूट्रस को हेल्दी रखने के लिए आप सूखे मेवे जैसे बादाम, काजू, अखरोट और फ्लैक्सीड का सेवन जरूर करें। यह ओमेगा 3 से भरपूर होता है और गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है। यह यूट्रस में होने वाले फाइब्रॉयड्स और यूटरिन कैंसर की समस्या के खतरे को भी कम करने में सहायक है।
आप इनका सेवन दूसरी चीजों में मिलाकर भी कर सकते हैं जैसे बेक्ड फूड। बिस्किट, लड्डू, खीर, केक, आदि में इन्हें डालने से स्वाद और सेहत दोनों ही अच्छा होगा।
2. पत्तेदार सब्जिया
पत्तेदार सब्जियां खाने से हमारे शरीर में अल्कलाइन बैलेंस बना रहता है और मिनरल्स और फॉलिक एसिड की कमी पूर्ति भी होती है। इसलिए हमें पालक और मेथी जैसे पत्तेदार सब्जियों का सेवन करना चाहिए। यह फाइबर से भी भरपूर होती है।
3. ताज़े फल
ताजे फलों में विटामिन सी और फ्लेवनॉयड प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। यह यूट्रस से जुड़ी समस्याओं के नेचुरल ट्रीटमेंट में काम आते हैं। इससे फाइब्रॉयड की संख्या बढ़ती है और ओवराइन कैंसर का खतरा कम होता है। मंचिंग के लिए आप खाने के बीच बीच में जंग फूड के बजाय इन फलों का सेवन करें। यह आपकी हेल्थ के लिए अच्छे हैं।
4. नींबू
हम सभी जानते हैं कि नींबू विटामिन सी से भरपूर होता है। यह वजन कम करने में भी बहुत मददगार है। इसका हल्के गुनगुने पानी में मिलाकर सेवन करने से सेहत को बहुत सारे लाभ मिलते हैं। यह हमारी यूट्रस की इम्युनिटी को मजबूत बनाता है और इंफेक्शन से बचाता है।
5. होल ग्रेन
होल ग्रेन फाइबर से भरपूर होते हैं। इनका सेवन करने से हमारा पाचन तंत्र और यूट्रस दोनों ही हेल्दी होते हैं। यह हमारे शरीर में अत्यधिक एस्ट्रोजन को बाहर निकाल देता है।