Pornography: इंटरनेट आने के चलते कुछ भी ऐसा नहीं रह गया है जो पहुंच से बाहर हो। बड़ों की बात छोड़ दें तो आजकल के टीनएजर्स भी पाॅर्न फिल्में देखने के आदि होते जा रहे हैं। पाॅर्न या Adult Movies दर्शकों यानी टीनएजर्स, महिलाओं और पुरुषों के लिए सेक्सुअल फैंटेसीज (Fantasies) को एक्सप्लोर करने का एक माध्यम होती हैं।
भारत में बच्चों और युवाओं द्वारा पोर्न देखने का चलन आजकल बढ़ता चला जा रहा है, जिस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि भारत पिछले दो-तीन सालों में सबसे ज्यादा पाॅर्न देखने वाले देशों में दसवें से तीसरे स्थान पर आ गया है।कोई भी चीज यदि ज्यादा हद तक की जाए तो वह हानिकारक ही होती है, पाॅर्न की लत भी उसी तरह है जो पीछा आसानी से नहीं छोड़ती है। आइए जानते हैं इस ब्लॉग के जरिए की ज्यादा पाॅर्न देखने के ये नुकसान हो सकते हैं
आइये जानते है कितना बुरा है पाॅर्न आजकल टीनएजर्स के लिए
1. दिमाग का सिकुड़ना
एक रिसर्च में पाया गया है कि जो व्यक्ति ज्यादा पाॅर्न फिल्में देखते हैं, उनका दिमाग सिकुड़ जाता है। अगर व्यक्ति के दिमाग का स्ट्रेटम छोटा है तो उसे ओर भी नुकसान हो सकता है।
2. असंतुष्टि (Unsatisfaction)
पाॅर्न फिल्में देखने वाला व्यक्ति अपनी निजी जिंदगी में भी उसी तरह से सेक्स करना चाहता है जैसे कि पाॅर्न फिल्म में दिखाया जाता है, पर अक्सर ऐसा हो नही पाता क्योंकि पाॅर्न फिल्मों को जानबूझकर ज्यादा भड़काऊ और आर्कषक बनाया जाता है और उन जैसा करना आम आदमी के बस की बात नही। इसका नुकसान यह होता है कि व्यक्ति को कभी संतुष्टि नहीं मिल पाती। व्यक्ति के स्वभाव में क्रुरता और उग्रता आ जाती है और वह चिड़चिड़ा हो जाता है।
3. वैवाहिक जीवन पर बुरा असर
लगातार पाॅर्न देखने के कारण व्यक्ति अपने पार्टनर से वैसी ही उम्मीद रखने लगता है जैसा कि पाॅर्न फिल्मों में दिखाया जाता है। पर इसे हर बार हकीकत में उतारना मुमकिन नही होता। इसका नुकसान यह होता है कि व्यक्ति को अपने पार्टनर से दूरी पैदा कर देता है ।
4. फोरप्ले(Foreplay) को नज़रअंदाज़ करना
सेक्स को पाॅर्न फिल्मों की तरह करने की सोचने वाले व्यक्ति जल्दी – जल्दी में अलग – अलग positions को करने की कोशिश करते है जिससे वह फोरप्ले ठीक ढंग से नही कर पाते। फोरप्ले के दौरान कपल्स काफी मज़ा लेते है जिससे उनमें काफी करीबी आती है, पर पाॅर्न के कारण यह कहीं खो जाता है।
5. Orgasm पर बुरा असर पड़ता है
कुछ लोग उत्तेजित होने के लिए पाॅर्न का सहारा लेने लगते है और धीरे - धीरे यह उनकी आदत बन जाती है। इस का नुकसान यह होता है कि व्यक्ति प्राकृतिक तोर पर उत्तेजित होने में नाकाम होने लगता है जिसका नुकसान आगे चलकर होता है।