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एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis hindi ) से पीड़ित महिलाओं को अक्सर पेट में दर्द, पीरियड्स के साथ दर्द या सेक्सुअल इंटरकोर्स के दौरान दर्द होता है, इसके साथ - साथ प्रेगनेंसी के दौरान भी ज्यादा दर्द होने के चान्सेस होते है। दूसरी ओर, एंडोमेट्रियोसिस वाली कुछ महिलाओं में कोई भी लक्षण नहीं पाए जाते है।
एंडोमेट्रियोसिस के लक्षण
- मेंस्ट्रुअल क्रैम्प्स
- पीठ के निचले हिस्से और पेल्विस में दर्द
- सेक्स के दौरान या बाद में दर्द होना
- आंतों में दर्द
- बांझपन
- थकान
- पेशाब करते वक़्त खून आना
एंडोमेट्रियोसिस के कारण
कोई भी निश्चित रूप से नहीं जानता कि यह बीमारी किस कारण से होती है। रीसर्च के अकॉर्डिंग इसके निम्न कारण हो सकते है :
- मेंस्ट्रुअल पीरियड के दौरान होने वाली समस्याएं
- जेनेटिक फैक्टर
- इम्यून सिस्टम प्रोब्लेम्स
- हॉर्मोन सिस्टम के कारण
एंडोमेट्रियोसिस से बचाव के तरीके :
- हार्मोनल बर्थ कंट्रोल मेथड्स के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें।
- रेगुलर एक्सरसाइज करे।
- शराब ना पिए।
- कॉफी जैसी कैफीन युक्त ड्रिंक्स पीने से बचे।
एंडोमेट्रिओसिस का इलाज :
एंडोमेट्रियोसिस ( Endometriosis hindi ) का कोई इलाज नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों और समस्याओं को सुधारने के कुछ तरीके है :
- कंज़र्वेटिव सर्जरी - कंज़र्वेटिव सर्जरी उन महिलाओं के लिए है जो प्रेगनेंट होना चाहती हैं और जिनके लिए हार्मोनल ट्रीटमेंट काम नहीं कर रहे हैं।कंज़र्वेटिव सर्जरी का मोटिव रिप्रोडक्टिव ऑर्गन्स को नुकसान पहुंचाए बिना एंडोमेट्रियल ग्रोथ को हटाने या ख़त्म करने से है।
- हार्मोनल कॉन्ट्रासेप्टिव्स - हार्मोनल कॉन्ट्रासेप्टिव्स मंथली ग्रोथ और एंडोमेट्रियल टिश्यू के निर्माण को रोकने में मदद करते हैं। बर्थ कंट्रोल पिल्स, पैचेस, और वजाइनल रिंग्स दर्द को कम करने में काफी मदद करते है।
- हॉर्मोन थेरेपी - सप्लीमेंटल हार्मोन लेने से कभी-कभी दर्द से राहत मिल सकती है और एंडोमेट्रियोसिस के प्रोग्रेस को रोक सकते है। हार्मोन थेरेपी आपके शरीर को मंथली हार्मोनल चेंजिस को कंट्रोल करने में मदद करती है।
भारत में एक करोड़ से ज्यादा औरते हर साल एंडोमेट्रिओसिस का शिकार होती है , यानी हर दस में से एक महिला को एंडोमेट्रिओसिस होता है इसलिए हमे सतर्क रहने की ज़रूरत है। अगर हम अपनी शरीर का ध्यान रखेंगे , सही खाना खाये एक्सरसाइज करे तो इससे बचा जा सकता है।