PCOS And PCOD: प्रेग्नेंसी पर प्रभाव से इरेगुलर पीरियड तक जानें सब कुछ

author-image
New Update
vagina

PCOS क्या है?

PCOS का मतलब है polycystic ovarian syndrome। यह महिलाओं में होने वाले एक ऐसी समस्या है जिसके दौरान उनके शरीर में हार्मोन का लेवल बिगड़ जाता है और बेलेंस खराब हो जाता है। महिला के शरीर में रिप्रोडक्टिव हार्मोन का प्रोडक्शन ओवरी करती है। लेकिन इस सिंड्रोम के दौरान यह ओवरी हद से ज्यादा एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोन का प्रोडक्शन करती है।

Advertisment

अत्यधिक मात्रा में हार्मोन का प्रोडक्शन होने के कारण महिलाओं की मेंस्ट्रूअल साइकिल प्रभावित होती है। कई बार महिलाओं के पीरियड्स भी नहीं आते हैं जिसके कारण प्रेग्नेंट होने में उन्हें काफी तकलीफ होती है और वह जल्दी प्रेग्नेंट नहीं हो पाती। लंबे समय तक इस समस्या के होने के कारण डायबिटीज और हार्ट अटैक जैसी बीमारियों के चांस भी बढ़ जाते हैं।

रिप्रोडक्शन के लिए हमारी ओवरी एग रिलीज़ करती हे जो फर्टिलाइज होकर प्रेग्नेंसी के रुप में सामने आते हैं। इस प्रक्रिया को ओवुलेशन कहते हैं। ओवरी एंड्रोजन नामक मेल हार्मोन भी रिलीज़ करती है लेकिन PCOS के दौरान वह बेहद कम मात्रा में इसका प्रोडक्शन करती है।

Pcos के दौरान महिलाओं के चेहरे और पूरे शरीर पर लंबे और घने बाल उगने लगते हैं। हार्मोनल बैलेंस को ठीक करने के लिए गर्भनिरोधक पिल्स और डायबिटीज की दवाई मददगार साबित हो सकती हैं।

Advertisment

PCOS के कारण

1. जीन्स

कुछ डॉक्टर ऐसा भी मानते हैं कि पीसीओएस लोगों के परिवार में शुरू से चली आ रही समस्या होती है। आगे आने वाली जनरेशन इससे विरासत के रूप में ग्रहण करती हैं और पीसीओएस से पीड़ित होती है।

2. इंसुलिन की अधिक मात्रा

स्टडीज में ऐसा देखा गया है कि अधिकतर महिलाएं जो पीसीओएस से पीड़ित होती हैं उनके शरीर में इंसुलिन की मात्रा अधिक होती है। इंसुलिन हमारे शरीर में मौजूद एक हार्मोन है जो पैंक्रियास द्वारा रिलीज किया जाता है। यह हमारे खाने में से शुगर को सोख कर उसका इस्तेमाल पूजा देने के लिए करता है। 

जब शरीर के सेल्स इसका अच्छे से इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं तो शरीर मे इंसुलिन की डिमांड बढ़ जाती है। इस डिमांड को पूरा करने के लिए पैंक्रियास अधिक इंसुलिन का उत्पादन करता है। इंसुलिन की अधिक मात्रा के कारण ओवरी अत्यधिक मेल हार्मोन रिलीज करने लगती हैं और इस तरह हार्मोनल बैलेंस बिगड़ जाता है।

Advertisment

2. इंफ्लेमेशन

जब महिलाओं के शरीर में इन्फ्लेमेशन की समस्या हो जाती है तब भी ओवरी प्रभावित होकर मेल हार्मोन का प्रोडक्शन अधिक कर देती है। जिसके कारण पीसीओएस का खतरा भी बढ़ जाता है। मोटापा भी इन्फ्लेमेशन का एक कारण हो सकता है।

PCOS के लक्षण

1. इरेगुलर पीरियड

इरेगुलर पीरियड इस समस्या के मुख्य लक्षणों में से एक है। PCOS के दौरान यूट्रस की लाइनिंग ओवुलेशन की कमी के कारण टूटती नहीं है और ब्लड बाहर नहीं निकलता। इसके कारण कई बार आप लोगों के पीरियड आते हैं तो कई बार नहीं। कुछ महिलाओ को तो साल में 8 से भी कम बार पीरियड आते हैं।

2. हैवी ब्लीडिंग

ओवुलेशन की कमी के कारण पीरियड रेगुलर हो जाते हैं। इरेगुलर पीरियड की वजह से यूट्रस की लाइनिंग मोटी होती जाती है और जब यह टूटती है तो पीरियड के दौरान हेवी ब्लीडिंग होती है। रेगुलर पीरियड और हैवी ब्लीडिंग दोनों एक दूसरे से संबंधित है।

Advertisment

3. बालों की ग्रोथ

हर कोई चाहता है कि उसके बाल लंबे और घने हो। लेकिन यह बाल सर पर उगने वाले होने चाहिए ना कि शरीर पर। PCOS के दौरान महिलाओं के चेहरे और शरीर पर बालों की ग्रोथ होने लगती है जो असामान्य होती है। यह अधिकतर महिलाओं में देखा गया है।

4. मुंहासे

मेल हार्मोन की अधिक मात्रा के कारण स्किन पर ऑयल रिलीज अधिक हो जाता है। यह चेहरे पर होने वाले पिंपल, मुंहासे और दाने का कारण बनता है। 

5. मोटापा

मोटापा इसके मुख्य लक्षणों में से एक है। PCOS मे आपका वजन इतना ज्यादा बढ़ सकता है कि आप ओबेसिटी के शिकार भी हो सकते हैं। यह PCOS से पीड़ित अधिकतर महिलाओं मे पाया गया है।

Advertisment

6. स्किन डार्कनिंग

आपको अपनी बॉडी के विभिन्न हिस्सों पर काले कलर के धब्बे भी नजर आ सकते हैं। जैसे गर्दन का काला होना या उंगलियों का काला होना।

PCOS