Ganesh Chaturthi 2022: चारों तरफ गणेश चतुर्थी की धूम धाम है। मुंबई में 2 साल बाद फिर से देखने को मिल रही है गणेश चतुर्थी की चहल-पहल। भक्तगण बहुत ही खुशी से इस बार गणपति जी को अपने घरों में व पंडालों में लेकर आए हैं, गणपति बप्पा मोरया! मंगल मूर्ति मोरया! का स्वर चरों तरफ गूंज रहा है। आइए आज के इस दौर में जानते हैं भगवान गणेश को प्राप्त हुए हैं।
Ganesh Chaturthi 2022: यह चीज़ें बेहद ही प्रिय हैं भगवान गणेश को
- लाल व सिंदूरी रंग प्रिय है।
- दुवा के प्रति विशेष लगाव है।
- चूहा इनका वाहन है।
- बैठे रहना इनकी आदत है।
- लिखने में इनकी विशेषज्ञता है।
- पूर्व दिशा अच्छी लगती है।
- लाल रंग के पुष्प से शीघ्र खुश होते हैं।
- स्वस्तिक इनका चिन्ह है ।
- चतुर्थी तिथि इनकी प्रिय तिथि है।
- कामना को शीघ्र पूर्ण कर देते हैं।
- गृहस्थाश्रम के लिए ये आदर्श देवता हैं।
- दक्षिण दिशा की ओर मुँह करना पसंद नहीं है प्रथम स्मरण से कार्य को निर्विघ्न संपन्न करते हैं।
- सिंदूर व शुद्ध घी की मालिश इनको प्रसन्न करती है
Ganesh Chaturthi 2022: गणेश जी के 12 नाम
शास्त्रों के अनुसार ऐसा माना जाता है कि यदि हम दिन में एक बार भी गणेश जी के 12 नाम जपे तो हमारे बहुत से कष्ट दूर हो जाते हैं, तो आइए जानते हैं कौन से गणेश जी के बारह नाम।
1. सुमुख ( सुन्दर मुख वाले )
2. एकदन्त ( एक दांत वाले )
3. कपिल ( कपिल वर्ण के )
4. गजकर्ण ( हाथी के कान वाले )
5. लम्बोदर ( लम्बे पेट वाले )
6. विकट ( विपत्ति का नाश करने वाले
7. विनायक ( न्याय करने वाले )
8. धूम्रकेतु ( धुये के रंग वाली पताका वाले )
9. गणाध्यक्ष ( गुणों के अध्यक्ष )
10. भालचन्द्र ( मस्तक में चन्द्रमा धारण करने वाले
11. गजानन ( हाथी के समान मुख वाले )
12. विघ्रनाशन ( विघ्नों को हरने वाले )
Ganesh Chaturthi 2022: पूजा में पान का महत्त्व
हिन्दू धर्म में विशेष माने जाने वाले स्कंद पुराण में बताया गया है कि पान का उल्लेख किया देवताओं द्वारा समुद्र मंथन के समय पान के पत्ते का प्रयोग किया गया था।तभी से पान का प्रयोग पूजा में किया जाने लगा है।
पान का पत्ता नकारात्मक ऊर्जा को दूर करनेवाला और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने वाला भी माना जाता है। इसलिए भी इसे पूजा - पाठ में खास महत्व दिया गया है।
पान के पत्ते औषधीय गुणों से भी भरपूर होते हैं। पान के पत्ते का उपयोग शरीर की कई परेशानियों से निजात पाने के लिए किया जा सकता है। जैसे मधुमेह, दाँतों, पाचन, सर्दी जुकाम आदि।