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5 फीमेल मास्टरबेशन मिथ्स
1. महिलाएं मास्टरबेट नहीं करतीं
कई सारी रिपोर्ट के मुताबिक ही बताया जाता है कि महिलाएं पुरुषों के मुकाबले काफी कम मास्टरबेट करती हैं हालांकि यह कुछ हद तक सही भी हो सकता है क्योंकि महिलाओं में मास्टरबेशन को लेकर काफी सारी ऐसी बातें हैं जो उन्हें नीचा महसूस कराती हैं और उन्हें शर्मसार करती हैं जबकि ऐसा कुछ भी महसूस करना बिल्कुल गलत है।
2. माहिलाओं का मास्टरबेशन करना गलत होता है
हमारे समाज में महिलाओं की सेक्सुअल फैंटेसी और डिजायर को अक्सर गलत माना जाता है। महिलाओं को बचपन से ही सिखाया जाता है किस सेक्स व सेक्स से जुड़ी कोई सी भी बात उनके लिए सुनना और करना बिल्कुल गलत है जबकि है बिल्कुल भी सही नहीं होता है।
महिलाओं को भी अपनी बॉडी एक्सप्लोर करनी चाहिए और साथ में उन्हें मास्टरबेशन और सेक्सुअल एक्टिविटीज में सम्मिलित होना चाहिए अगर वह चाहती हैं तो।
3. महिलाओं का मास्टरबेशन इमोशनल होता है
कई रिपोर्ट के मुताबिक पुरुष मास्टरबेशन बिना किसी इमोशन या फिर फीलिंग के होता है जबकि महिलाएं किसी रोमांटिक रिलेशनशिप के बारे में सोचकर ही मास्टरबेशन कर पाती हैं।
हालांकि है कुछ हद तक गलत भी हो सकता है लेकिन इसके सही होने में भी कोई खामी नहीं होगी।
4. महिलाऐं पोर्न नहीं देखती
लोगों का मानना होता है की पॉर्न साइट्स पर सबसे ज्यादा पुरुष ही एक्टिव होते हैं जो कि बिल्कुल सही है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि महिलाएं पॉर्न से दूर रहती हैं या फिर महिलाएं पोर्न नहीं देखती हैं।
5. महिलाओं को सशक्त होने के लिए मास्टरबेट करना ही चाहिए
अगर आप मास्टरबेशन का सहारा सिर्फ इसलिए ले रही है क्योंकि आपको खुद को सशक्त महसूस कर आना है तो यह गलत हो सकता है। महिलाओं का सशक्त होना उनके मास्टरबेशन करने या ना करने पर निर्भर नहीं करता है।
तो ये थे 5 फीमेल मास्टरबेशन मिथ्स जो आपको जानना जरुरी हैं।