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फ्लैट चेस्ट के महिलाओं पर प्रभाव
महिलाओं के सेल्फ एस्टीम को करता है कम
कई रिसर्चेस बताती हैं कि किस तरह महिलाओं की फ्लैट चेस्ट उन्हें कम कॉन्फिडेंट बनाती हैं और साथ-साथ उनके self-esteem को भी बहुत कम कर देती हैं। एक सर्वे के अनुसार फ्लैट चेस्ट महिलाओं को ना सिर्फ फिजिकली और मेंटली बल्कि सोशली और इमोशनल तौर पर भी काफी ज्यादा प्रभावित करती है।
रिपोर्ट्स और कुछ सर्वे बताते हैं कि जो महिलाएं अच्छे ब्रेस्ट साइज की होती हैं, उनमें हमेशा ही फ्लैट चेस्ट वाली महिलाओं से ज्यादा कॉन्फिडेंस पाया जाता है क्योंकि काफी करियर उनके ब्रेस्ट और हिप साइज पर ही निर्भर होते हैं।
साइकोलॉजिकल प्रभाव
जिन महिलाओं की ब्रेस्ट साइज काफी कम होती है उनमें कई प्रकार से ईटिंग बिहेवियर और एटिट्यूड को खराब पाया गया है। इन महिलाओं में सेल्फ कॉन्फिडेंस काम होता है इसलिए ये खुद को किसी और के साथ जोड़ने और बात करने में असफल पाती हैं।
महिलाओं को अक्सर ये बताया जाता है कि उनके बूब्स और हिप्स ही उनको अट्रैक्टिव बनाते हैं और इनके बिना वह खूबसूरत नहीं लगती हैं इस कारण महिलाएं खुद में कॉन्फिडेंस की काफी कमी पाती हैं।
महिलाओं को सोशली एक्सेप्टेंस ना मिलने का डर रहता है
सोसाइटी में महिलाओं के बड़े बूब्स को उनके फेमिनाइन होने से जोड़ा जाता है और ऐसे में फ्लैट चेस्ट महिलाओं को ज्यादा लड़का माना जाता है जिसके कारण महिलाएं खुद को कम अट्रैक्टिव पाती हैं और उन्हें हमेशा दर रहता है कि लोग उन्हें कम पसंद करेंगे।
महिलाओं की जॉब्स और रिलेशनशिप्स पर प्रभाव
जॉब सेक्टर में महिलाओं की फिजिकल अटायर के कारण उन्हें कई बार भेदभाव झेलने को मिलता है जिसके कारण उनके काम के परफॉर्मेंस पर भी काफी फर्क पड़ता है।
रिलेशनशिप में रहने वाली महिलाएं अपने पार्टनर को कम सेक्सी और अट्रैक्टिव लगने के डर से खुद में काफी व्यवहारिक बदलाव महसूस करती हैं जो उनके रिलेशनशिप पर भी काफी प्रभाव डालती है।