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Chaitra Navratri 2025: 30 मार्च 2025 से चैत्र नवरात्रि शुरू हो रही है, और इस शुभ अवसर पर माता रानी के स्वागत के लिए घर की सफाई बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, स्वच्छता से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
घर के मुख्य हिस्सों की सफाई कैसे करें
1. मंदिर की सफाई
नवरात्रि में देवी पूजन का विशेष महत्व होता है, इसलिए घर के मंदिर को अच्छी तरह साफ करें। मूर्तियों को दूध और गंगाजल से स्नान कराएं और पूजा स्थल पर साफ कपड़ा बिछाएं।
2. किचन की सफाई
किचन घर का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है, जहां से सेहत जुड़ी होती है। गैस स्टोव, चिमनी और सिंक को डीप क्लीन करें। पुराने और खराब मसालों को हटाकर ताजे मसाले रखें ताकि नवरात्रि के व्रत में शुद्धता बनी रहे।
3. घर के कोनों और स्टोरेज एरिया की सफाई
कई बार हम घर के कोनों और स्टोरेज एरिया की सफाई पर ध्यान नहीं देते। नवरात्रि से पहले बेकार सामान हटाएं और फर्श को धोकर साफ करें ताकि घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे।
4. फर्नीचर और पर्दों की धूल हटाएं
धूल-मिट्टी से घर में नकारात्मकता बढ़ती है, इसलिए सोफा, कुर्सी, टेबल, पंखे और खिड़कियों को अच्छी तरह साफ करें। पर्दों और चादरों को धोकर नई एनर्जी के साथ त्योहार की शुरुआत करें।
5. मुख्य दरवाजे और आंगन की सफाई
घर का मुख्य दरवाजा और आंगन सबसे पहले नजर आता है। इसे धोकर साफ करें और नवरात्रि के पहले दिन यहां रंगोली बनाएं ताकि देवी मां का स्वागत शुभ तरीके से हो सके।
6. फ्रिज और स्टोव की सफाई
नवरात्रि में सात्विक भोजन बनाया जाता है, इसलिए फ्रिज में रखे खराब फल-सब्जियां हटा दें और स्टोव को अच्छे से साफ करें। इससे स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा और देवी की कृपा भी बनी रहेगी।
7. पुराने और अनावश्यक सामान का निपटान
फेंग शुई और वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में कबाड़ इकट्ठा करना नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है। नवरात्रि से पहले पुराने कपड़े, बेकार सामान और टूटे हुए बर्तन हटाएं।
सफाई के बाद क्या करें?
- घर में गंगाजल का छिड़काव करें ताकि पवित्रता बनी रहे।
- घर में धूप-दीप जलाएं और मां दुर्गा के मंत्रों का जाप करें।
- मुख्य दरवाजे पर आम के पत्तों और फूलों की तोरण लगाएं।
नवरात्रि का शुभ अवसर सिर्फ पूजा-पाठ तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारे घर और जीवन की नकारात्मकता को दूर करने का भी समय होता है। सही ढंग से सफाई करके न केवल देवी मां की कृपा प्राप्त की जा सकती है, बल्कि एक स्वस्थ और सकारात्मक वातावरण भी बनाया जा सकता है।