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Irregular Period: जानिए इरेगुलर पीरियड्स के लिए कुछ घरेलू उपाय

आजकल के इस भागदौड़ भरे जीवन में अधिकतर महिलाओं को इरेगुलर पीरियड्स की काफी समस्या होती है। आइए आज के इस हैल्थ ब्लॉग में कुछ होम रेमेडीज के बारे में जानते हैं जिनकी मदद से आप इरेगुलर पीरियड्स की समस्या से आसानी से निजात पा सकते हैं-

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Vaishali Garg
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Delay In Periods

Irregular periods

Irregular Period: पीरियड साइकिल 26 दिनों के होती है परंतु कभी ये बड़कर 29-30 दिनों के भी हो जाती है यह आम है पर लगातार ऐसा होना सही नहीं आपकी पीरियड डेट एक दो दिन आगे पीछे हो तो अधिक चिंतित ना हो परंतु ज्यादा गैप सही नहीं है। इसे औलिगोमेनोरिया कहा जाता है इस के प्रमुख कारण अत्यधिक तनाव लेना,खराब दिनचर्या और अधिक मात्रा मै शराब का सेवन करना है ।पर इस समस्या से निपटने के लिया आप को डॉक्टर की या दवाइयों के अधिक आवश्कता नहीं है आप अपनी डाइट मै कुछ परिवर्तन कर इसे ठीक कर सकतें हैं।

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1. चुकंदर

चुकंदर का सेवन इरेगुकर पीरियड्स की समस्याओं और उनके लक्षणों से निपटने में काफ़ी मददगार है। चुकंदर में हाई अमाउंट में फोलिक एसिड और आयरन होता है जो ब्लड में हीमोग्लोबिन के लेवल को बढ़ाने में मदद करता है। यह एक इमेनगॉग के रूप में भी काम करता है

2. रोज व्यायाम और योग

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रेगुलर व्यायाम के कई लाभ हैं, और periods को नियमित करना उनमें से एक है।  यह आपके वजन को मेंटेन रखने में मदद करता है और आपके हार्मोन में संतुलन बनाए रखता है। पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम में, एक महिला का अचानक वजन बढ़ सकता है जो हार्मोनल असंतुलन का कारण बनता है। रोज व्यायाम करने से यह समस्या दूर हो सकती है।

3. गुड़

गुड़ एक ऐसी चीज है जो लगभग हर घर में आसानी से मिल जाता है। गुड़ का नियमित तौर पर सेवन करने से पीरियड्स रेगुलर रहते हैं। गुड में  एंटी इन्फ्लेमेटरी और एंटी स्पष्टमोडिक गुण भी होते हैं, जो menstruation क्रैंप्स को कम करने में मदद करते हैं। अगर आप अपने पीरियड्स को नेचुरली रेगुलर रखना चाहते हैं, तो दिन में एक या दो बार जरूर गुड़ का छोटा सा पीस खाएं।

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4. दालचीनी

दालचीनी बहुत ही आसानी से भारतीय किचन में मिल जाती है। यह युटेरस में ब्लड फ्लो को कंट्रोल करने में हमारी काफी मदद करती है। दालचीनी का नियमित या हफ्ते में एक दो बार सेवन करने से पीरियड रेगुलर रहते हैं। यह पीरियड के दौरान होने वाली परेशानी जैसे पेट दर्द, उल्टी, नोसिया आदि समस्याओं को भी हल करती है।

5. पपीता

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पपीते को एक गर्म फल के रूप में जाना जाता है। पपीते में अधिक मात्रा में केरोटिन पाया जाता है। पपीता एस्ट्रोजन के लेवल को कंट्रोल करके रेगुलेट करता है और यह हमारे यूट्रस को हेल्दी रखता है वह सुचारू रूप से काम करने में मदद करता है। इसलिए आप भी दिन में एक बार एक- दो कली पपीता का इस्तेमाल जरूर करें अपने पीरियड्स को रेगुलर करने के लिए।

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