Ahoi Fast: अहोई अष्टमी व्रत आमतौर पर संतान प्राप्ति के लिए रखा जाता है, लेकिन माताएं अपनी संतान की लंबी आयु के लिए गर्भावस्था में भी यह व्रत रख सकती हैं। लेकिन गर्भवती महिलाओं के लिए अहोई अष्टमी के व्रत के नियम अलग होते हैं। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को अपनी सेहत का खास ध्यान रखना पड़ता है। इसके अलावा हेल्दी डाइट के साथ अधिक देर तक खाली पेट रहने के लिए भी मना किया जाता है। यही कारण है कि अहोई अष्टमी का व्रत गर्भवती महिलाओं की सेहत के लिए ठीक नहीं होता है।
लेकिन इसके बावजूद कुछ महिलाएं अपनी संतान की सुख समृद्धि और दीर्घायु के लिए यह व्रत रखती हैं। यह व्रत रखने से पहले गर्भवती महिलाओं को डॉक्टर से सलाह ले लेनी चाहिए और कुछ सावधानियां भी बरतनी चाहिए। आइये जानते हैं गर्भवती महिलाओं के लिए अहोई अष्टमी व्रत के नियम क्या हैं।
व्रत मे प्रेग्नेंट महिलाओं को होने वाली परेशानियां
पहली और तीसरी तिमाही
पहली और तीसरी तिमाही बेबी की ग्रोथ और डेवलपमेंट के लिए जरूरी होती है, इसलिए इस दौरान व्रत न रखें। अगर प्रेग्नेंसी हेल्दी है तो आप डॉक्टर की सलाह और डाइट को ध्यान में रखकर अहोई अष्टमी का व्रत रख सकती हैं।
गर्भावास्था में व्रत रखने से होने वाली परेशानियां
अहोई अष्टमी का निर्जला व्रत रखा जाता है और पूरे दिन कुछ ना खाने से महिलाओं को कमजोरी महसूस होने लगती है। इसके कारण चक्कर और थकान का अनुभव होता है। उपवास के कारण शरीर में पानी की कमी हो जाती है और इससे गला सूखने के साथ ही सिर दर्द भी होने लगता है। व्रत रखने वाली गर्भवती महिलाएं कई बार बेहोश भी हो जाती हैं। लंबे समय तक उपवास रखने के कारण पेट में गैस बनने लगती है और शरीर के विभिन्न अंगों में दर्द और जकड़न महसूस होती है। गर्भावस्था में व्रत रखने से शरीर में ग्लूकोज की कमी के कारण इंसुलिन घट जाती है और ब्लड प्रेशर भी डाउन हो जाता है। इसकी वजह से महिलाओं को तेज घबराहट होती है।
बरती जानें वाली सावधानियां
गर्भावस्था में व्रत रखते समय बरती जाने वाली सावधानियां
यदि आप प्रेगनेंट हैं और अहोई अष्टमी व्रत रखने वाली हैं तो पूरे दिन खाली पेट रहने की बजाय अन्न को छोड़कर बाकी चीजें जैसे दूध, सूप, फल और जूस का सेवन करते रहें। प्रेगनेंसी में व्रत रखने पर अगर ठंड लगे तो इससे शिशु की सेहत को नुकसान पहुंच सकता है। इसलिए गर्म कपड़ों से पूरे शरीर को ढक कर रखें। गर्भावस्था के दौरान व्रत रखने से अगर मितली, उल्टी या फिर कोई अन्य तरह की परेशानी महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं। अगर आप गर्भवती हैं और अहोई अष्टमी का व्रत रख रही हैं तो पूरे दिन पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहें। इससे आपको थकान महसूस नहीं होगी। गर्भावस्था के दौरान व्रत रहने पर पूरे दिन आराम करना चाहिए और अधिक परिश्रम वाला काम करने से बचना चाहिए। प्रेगनेंसी में व्रत रखने पर आयरन युक्त आहार लें। इससे आपको कमजोरी नहीं लगेगी।
गर्भवती महिलाओं को कभी भी निर्जला व्रत का पालन नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से आपको और आपके शिशु को दिक्कत हो सकती है। गर्भवती महिलाओं को अगर व्रत के दौरान उल्टी आदि परेशानी होती है तो तुरन्त ही अनुभवी चिकित्सक से परामर्श करें।