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डिप्रेशन ऐसा मानसिक रोग है जो किसी को भी अकेला महसूस करवा सकता है और कोई गलत कदम उठाने पर मजबूर कर सकता है। ऐसे वक्त में हमें उस व्यक्ति का ज्यादा से ज्यादा ध्यान रखना चाहिए। उन्हें अकेला महसूस नहीं करवाना चाहिए। इस वक्त उनकी हालत भी नाजुक होती है। लेकिन अक्सर हम कुछ ऐसी बात कर देते हैं जिससे उनके दिमाग पर असर पड़ता है और उनकी हालत और खराब हो जाती है। इसीलिए हमेशा डिप्रेस्ड व्यक्ति से बात करते वक्त हमें कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।
हम अक्सर गुस्से में कुछ ऐसी बातें केंह देते हैं जिससे किसी व्यक्ति को बहुत नीचा महसूस हो सकता है। जैसे कि तुम यह नहीं कर सकते तुम,यूज़ लेस हो, तुम बेवकूफ हो। ध्यान रखें कि ऐसी कोई बात ही ना करें जिसके कारण उन्हें दुख पहुंचे। डिप्रेशन के कारण वैसे भी आदमी आशाहीन महसूस करने लगता है। इसीलिए ज्यादातर कोशिश करनी चाहिए कि हम उन्हें प्रोत्साहित करें, उन्हें विश्वास दिलाया कि वह यूजलेस नहीं है।
ऐसे वक्त में उन्हें जरूरत होती है कि उनकी बात को सुनें, उन्हें कोई समझे। इसीलिए हमें उन्हें थोड़ा वक्त देना चाहिए उनके साथ बैठकर बातें करनी चाहिए। उनके साथ सकारात्मक बातें करें, हो सके तो उनके साथ बाहर जाएं।
यदि कोई व्यक्ति डिप्रेशन से निकलने की पूरी कोशिश कर रहा है तो उन पर जोड़ ना डालें। इससे उन्हें ऐसा लग सकता है कि वह अपनी पूरी कोशिश नहीं कर रहे हैं। उन्हें जितना वक्त चाहिए उतना वक्त दें डिप्रेशन से बाहर निकलने के लिए। क्योंकि यह ऐसा फेस है जिसमें व्यक्ति निराशाजनक महसूस करने लग जाता है। ऐसे ही कारण होते हैं जो व्यक्ति को गलत कदम उठाने के लिए मजबूर कर देते हैं।
जरूरी नहीं कि अगर व्यक्ति ऊपर से खुश दिख रहा है तो वह अंदर से भी खुश हो। इसीलिए हमें कभी यह नहीं कहना चाहिए कि तुम झूठा नाटक कर रहे हो, या तुम उदास नहीं हो। ऐसी बातें उन्हें और उदास कर देती हैं। ऐसे बहुत लोग होते हैं जो दुनिया के सामने अपना दुख दिखाना पसंद नहीं करते हैं लेकिन वह अंदर ही अंदर बहुत डिप्रेस्ड होते हैं।
1. नीचा महसूस ना करवाएं
हम अक्सर गुस्से में कुछ ऐसी बातें केंह देते हैं जिससे किसी व्यक्ति को बहुत नीचा महसूस हो सकता है। जैसे कि तुम यह नहीं कर सकते तुम,यूज़ लेस हो, तुम बेवकूफ हो। ध्यान रखें कि ऐसी कोई बात ही ना करें जिसके कारण उन्हें दुख पहुंचे। डिप्रेशन के कारण वैसे भी आदमी आशाहीन महसूस करने लगता है। इसीलिए ज्यादातर कोशिश करनी चाहिए कि हम उन्हें प्रोत्साहित करें, उन्हें विश्वास दिलाया कि वह यूजलेस नहीं है।
2. उन्हें अनसुना ना करें
ऐसे वक्त में उन्हें जरूरत होती है कि उनकी बात को सुनें, उन्हें कोई समझे। इसीलिए हमें उन्हें थोड़ा वक्त देना चाहिए उनके साथ बैठकर बातें करनी चाहिए। उनके साथ सकारात्मक बातें करें, हो सके तो उनके साथ बाहर जाएं।
3. ज़ोर ना डालें
यदि कोई व्यक्ति डिप्रेशन से निकलने की पूरी कोशिश कर रहा है तो उन पर जोड़ ना डालें। इससे उन्हें ऐसा लग सकता है कि वह अपनी पूरी कोशिश नहीं कर रहे हैं। उन्हें जितना वक्त चाहिए उतना वक्त दें डिप्रेशन से बाहर निकलने के लिए। क्योंकि यह ऐसा फेस है जिसमें व्यक्ति निराशाजनक महसूस करने लग जाता है। ऐसे ही कारण होते हैं जो व्यक्ति को गलत कदम उठाने के लिए मजबूर कर देते हैं।
4. उन पर यकीन करें
जरूरी नहीं कि अगर व्यक्ति ऊपर से खुश दिख रहा है तो वह अंदर से भी खुश हो। इसीलिए हमें कभी यह नहीं कहना चाहिए कि तुम झूठा नाटक कर रहे हो, या तुम उदास नहीं हो। ऐसी बातें उन्हें और उदास कर देती हैं। ऐसे बहुत लोग होते हैं जो दुनिया के सामने अपना दुख दिखाना पसंद नहीं करते हैं लेकिन वह अंदर ही अंदर बहुत डिप्रेस्ड होते हैं।