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बच्चों को सेक्स एजुकेशन देने के 6 कारण

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Swati Bundela
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भारतीय परिवारों में आज भी सेक्स एजुकेशन पर बात करना एक बहुत बड़ा टैबू हैं। जबकि ग्रोइंग चाइल्ड के लिए प्रॉपर सेक्स एजुकेशन बहुत इम्पोर्टेन्ट है। हमारी सोसाइटी में लोगो का मानना है कि सेक्स एजुकेशन देने की ज़िम्मेदारी सिर्फ़ पेरेंट्स की हैं , लेकिन ऐसा नहीं हैं। सेक्स एजुकेशन के लिए हमे प्रॉपर चैनल की ज़रूरत होती हैं। बच्चे सिर्फ़ पेरेंट्स के पास नहीं रहते ,वो स्कूल , रिश्तेदार, दोस्त सबसे इंटरैक्ट करते हैं। इसलिए उन्हें सेक्स के बारे में सही एजुकेशन देने की ज़िम्मेदारी पूरे समाज की हैं। जानते हैं सेक्स एजुकेशन ज़रूरी क्यों है ?

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सेक्स एजुकेशन होती क्या है ?



क्या आपको पता हैं सेक्स एजुकेशन होता क्या हैं ?सेक्स एजुकेशन का मतलब सिर्फ़ "सेक्स" से नहीं है, बल्कि इसका कनेक्शन आपके सेक्सशुअल हेल्थ और सेक्सशुअल प्रोब्लेम्स के साथ भी हैं। कम जानकारी की वजह से बहुत से लोगों को सेक्सशुअल प्रोब्लेम्स फेस करनी पड़ती है। जबकि बॉडी के बाकी parts की तरह सेक्सशुअल हेल्थ भी हमारी हेल्थ को इफ़ेक्ट करती हैं।

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Puberty



पीरियड में फिजिकल डेवलपमेंट और बिहेवियर में चेंज आता हैं , इसलिए किशोरावस्था यानी adolescence (12-19 वर्ष) के दौरान सेक्स एजुकेशन बहुत ज़रूरी होती हैं।

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सेक्स एजुकेशन का मतलब सेक्स से जुड़ी कम्पलीट इनफार्मेशन से हैं :-



  • आपके बॉडी के sexually related parts के बारे में सभी जानकारी को खुलकर बताया जाता है।


  • सेक्स एजुकेशन में बच्चों के जन्म से जुड़ी कई प्रकार की जानकारी दी जाती है।


  • सेक्स (संभोग) के प्रति आपकी जिम्मेदारी को सेक्स एजुकेशन में अच्छी तरह समझाया जाता है।


  • सेक्स एजुकेशन में sex abstinence (कंट्रोल) से जुड़ी सभी प्रकार की जानकारी दी जाती है।


  • जैंडर अट्रैक्शन के बारे में बताया जाता हैं।


  • बॉडी में आने वाले हर चेंजिस के बारे में बताया जाता हैं।


  • सेक्स एजुकेशन में प्रेग्नेंसी , menstruation ,बर्थ कंट्रोल के बारे में जानकारी दी जाती है।


  • reproduction से जुड़ी सभी जानकारी सेक्स एजुकेशन में दी जाती है।


  • सेक्स एजुकेशन हमे friends, lovers और उनके साथ रिलेशनशिप के बारे में गाइड करता हैं।


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क्यों सेक्स एजुकेशन जरूरी है?



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सेक्सशुअल हेल्थ सिर्फ़ हेल्थ रिलेटेड इशू नहीं हैं



सेक्स एजुकेशन बचपन से ही मिलनी चाहिए। इससे टीनएजर बच्चे गुड और बेड रिलेशन की पहचान , इंटिमेसी , attitude की इम्पोर्टेंस को समझते हैं। World Health Organization ने सेक्सशुअल हेल्थ को ना केवल हेल्थ रिलेटेड इशू बताया हैं , बल्कि सेक्सशुअल हेल्थ को फिजिकल, इमोशनल, मैन्टल और सोशल एस्पेक्ट्स से रिलेटेड भी बताया हैं।

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चाइल्ड सेक्सशुअल एब्यूज को कम किया जा सकता हैं



सेक्स एजुकेशन ना मिलने के कारण छोटे बच्चो को पता ही नहीं होता के उनके साथ जो हो रहा हैं वो गलत हैं। Department of Women and Child Development के अकॉर्डिंग करीब 53% बच्चे चाइल्ड एब्यूज का शिकार होते हैं। अगर उन्हें स्कूल और पेरेंट्स द्वारा गुड टच बैड टच के बारे में बताये , धीरे - धीरे सेक्स एजुकेशन दे ,तो ऐसी प्रोब्लेम्स को कम किया जा सकता हैं।

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Menstrual cycle के बारे में अंडरस्टैंडिंग



लड़कों और लड़कियों दोनों को menstrual cycle के बारे में समझने की जरूरत है। ताकि लड़कियां इसे नेचुरल चेंज के रूप में एक्सेप्ट कर सकें और लड़को को बताना इसलिए ज़रूरी हैं ताकि वो पीरियड्स का मज़ाक उड़ाने के बजाये लड़कियों के प्रति सिम्पथी, सेंसिटिविटी और केयर करे।

sexual diseases के बारे में अवेयर करता है



सेक्स के बारे में अवेयरनेस फैलाने से sexual diseases  जैसे HIV से बचा जा सकता हैं। WHO के अनुसार, दुनिया में 12 से 19 वर्ष की एज ग्रुप के 34 प्रतिशत लोग HIV से संक्रमित है।

सेक्स एजुकेशन यूथ को रेस्पोंसिबल बनाता है



सेक्स एजुकेशन यूथ को रेस्पोंसिबल बनाता है ,सेफ सेक्स को बढ़ावा मिलता है। वो उत्सुकता में सेक्स करने के बजाये उससे होने वाले पॉसिबल आउटकम के बारे में सोचते हैं। इस अवेयरनेस की वजह से उन्हें किसी नेगेटिव सिचुएशन को फेस नहीं करना पड़ता।

रेप जैसे सीरियस क्राइम को रोकने में मदद मिलेगी



रेप , ज़बरदस्ती सेक्सशुअल रिलेशन बनाना जैसी प्रॉब्लम का बहुत बड़ा कारण सेक्स एजुकेशन का ना मिलना हैं। अगर बच्चो को शुरू से ही सेक्स के लिए ठीक नॉलेज मिलेगी तो ऐसे घिनौने जुर्म काफी हद तक कम हो सकते हैं।



सेक्स एजुकेशन सिर्फ़ फैमिली नहीं दे सकती।  इसके लिए फैमिली , स्कूल , रिलेटिव सबको पहल करनी होगी। सोसाइटी को ओपन होना होगा।स्कूलों में सेक्स एजुकेशन के टॉपिक पर खुल के बात करने की ज़रूरत हैं, भारतीय परिवारों को ये समझने की ज़रूरत हैं की इस बारे में बात करना संस्कारो के खिलाफ बिल्कुल नहीं हैं। इन कारणों की वजह से सेक्स एजुकेशन ज़रूरी है .
पेरेंटिंग सेक्स एजुकेशन ज़रूरी
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