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December Festival: जानिए दिसंबर महीने में आने वाले महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार के बारे में

मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मोक्षदा एकादशी और गीता जयंती का पर्व मनाया जाता है। आज के इस ब्लॉग में हम आपको बताएंगे कि दिसंबर महीने में कौन-कौन से बड़े पर्व पड़ने वाले हैं-

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Vaishali Garg
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Diwali 2022

December Festival

3 दिसंबर शनिवार

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मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मोक्षदा एकादशी और गीता जयंती का पर्व मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधि विधान के साथ पूजा-अर्चना की जाती है और उपवास रखा जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

7 दिसंबर बुधवार

मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को दत्तात्रेय जयंती मनाई जाएगी और इस बार यह शुभ तिथि 7 दिसंबर दिन बुधवार को है। महायोगीश्वर दत्तात्रेय को ब्रह्माजी, भगवान विष्णु और शिव का अवतार माने जाते हैं और अवतरण मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा तिथि को हुआ था और उन्होंने 24 गुरुओं से एजुकेशन प्राप्त की। आपको बता दें की दत्तात्रेय के नाम पर दत्त संप्रदाय का उदय हुआ था। साऊथ इंडिया में भगवान दत्तात्रेय के बहुत से मंदिर हैं।

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मार्गशीर्ष पूर्णिमा 8 नवम्बर

भगवान श्री कृष्ण जी का सबसे प्रिय समय मार्गशीर्ष है यह बहुत सारे धार्मिक महत्व रखता है और इसकी इस पूर्णिमा का दिन सबसे विशेष होता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की विशेष पूजा करके आप उनका आशीर्वाद ले सकती हैं। इस दिन चंद्रमा की भी स्पेशल पूजा की जाती है।

रुक्मिणी अष्टमी 16 दिसंबर, शुक्रवार

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पौष मास के कृष्ण मास के अष्टमी तिथि को रुक्मिणी अष्टमी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन कृष्ण, रुक्मिणी और प्रद्युम्न का पूजन करना चाहिए, साथ ही भोंग लगाएं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो जातक इस दिन व्रत रखता है और सौभाग्यवती महिलाओं को भोजन कराकर वस्त्र दान करता है, उस पर रुक्मिणीजी प्रसन्न होती हैं। साथ ही घर-परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।

सफला एकादशी 19 दिसंबर, सोमवार

पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को सफला एकादशी मनाई जाती है और यह साल की अंतिम एकादशी भी होती है। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान व ध्यान करके व्रत करने का संकल्प किया जाता है और विधि विधान के साथ भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। शास्त्रों के अनुसार, सफला एकादशी का व्रत करने से जीवन के सभी समस्या दूर हो जाती हैं।

29 दिसंबर, मंगलवार

सिख लोगों के दसवें गुरु गोविंद सिंह जी हैं। गुरु गोविंद सिंह जी जन्म पौष मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को 1666 ई. में हुआ था। इसी दिन से गुरु गोविंद सिंह का प्रकाश पर्व मनाया जाने लगा। गुरु गोविंद सिंह एक विलक्षण क्रांतिकारी संत थे। मानव समाज का उत्थान और राष्ट्र के नैतिक मूल्यों की रक्षा के लिए इन्होंने कई त्याग और बलिदान दिए हैं। सिख धर्म के अलावा गुरु गोविंद सिंह दूसरे धर्म के लोगों के लिए भी प्रेरणा के स्त्रोत हैं। गुरु गोविंद सिंह जी ने ही खालसा पंथ की स्थापना की थी।

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