Afraid Of Intimate Relationships: एक महिला के ट्वीट ने कुछ दिन पहले सबका ध्यान खींचा, जिसमें लिखा था, "मुझे कई महिलाएं मिलती हैं जिन्होंने इमोशनल चोट लगने के डर से गहरे संबंध बनाने से खुद को दूर कर लिया है। यह बचपन के आघात के बाद के प्रभावों और हमें बच्चों के रूप में आकार देने वाली इन्सेक्युरिटिस से खुद को बचाने के लिए एक डिफेंस मैकेनिज्म है।” कई महिलाएं उससे सहमत थीं।
यह एक डिफेन्स मैकेनिज्म हो सकता है लेकिन एक महिला को अपने जीवनकाल में सार्थक संबंध बनाने के लिए इसे हल करने की आवश्यकता है
हम सभी के पास शायद वह दोस्त होता है जिसे हमेशा रिलेशनशिप की सलाह की जरूरत होती है। यहां वह फिर से अपने पार्टनर से अलग होने के लिए तैयार है। बारीकी से देखने पर, आप पते हैं उस दोस्त को डर है कि अगर वह किसी के करीब आती है, तो वह कमजोर और वल्नरेबल हो जाएगी। इसलिए, इससे पहले कि वह किसी के करीब आती है, वह रिश्ते को तोड़ देती है, यह डर से दूर भागने का उसका तरीका है।
यह डर क्या है?
इंटिमेसी के डर का मतलब यह नहीं है कि कोई इंटिमेट संबंध नहीं चाहता है। वे इंटिमेसी के लिए तरस सकते हैं, लेकिन वे खुद को कमजोर होने की अनुमति नहीं दे सकते।
इंटिमेट संबंधों को चार कैटेगरी में भाग किया गया था, हेलेन ब्रेनर के द्वारा, जो एक पीएचडी, और क्लीनिक साइकोलॉजिस्ट हैं। पहले प्रकार को ‘एक्सपेरेंशिअल’ लेबल किया जा सकता है, जहां कोई सामान्य एक्टिविटी, इंटरेस्ट या अनुभवों को शेयर करते है जो दो लोगों को एक साथ लाते हैं।
दूसरे प्रकार को ‘इंटेलेक्चुअल’ कहा जा सकता है, जहां दो लोग विचारों के शेयर करने या सार्थक चर्चा के माध्यम से संबंध बनाते हैं। तीसरा प्रकार ‘इमोशनल’ संबंध है, जहां व्यक्ति इंटिमेट भावनाओं को शेयर करता है या स्पिरिचुअल संबंध बनाता है। चौथा ‘सेक्शुअल’ संबंध है, जहां एक करीबी सेक्शुअल संबंध शेयर होता है।
इस डर का कारण क्या है?
इस डर के लिए सबसे महत्वपूर्ण कारण पिछले अनुभव हो सकते हैं, खासकर उस व्यक्ति के बचपन में। यह भागना या खुद को बंद करना एक डिफेन्स मैकेनिज्म की तरह है, साइकसेंट्रल कहते हैं। इस तरह वह व्यक्ति खुद को कमजोर नहीं होने देता या किसी और पर भरोसा नहीं करता क्योंकि वह चोट नहीं सहना चाहता।
एक और बड़ा कारण हो सकता है फियर ऑफ़ अबंडन्मेंट। एक व्यक्ति को इस बात की चिंता हो सकती है कि एक बार जब वह इंटिमेट संबंध में है, तो दूसरा व्यक्ति चला जाएगा। इस तरह का डर उस व्यक्ति के बचपन में हुई किसी बात के कारण हो सकता है। यह परिवार में माता-पिता या अन्य करीबी लोगों की मृत्यु या सेपेरशन के कारण हो सकता है।
एक प्रमुख कारण अवॉइडेंट पर्सनालिटी डिसऑर्डर है। Healthline.com के अनुसार लक्षण कम आत्मसम्मान, शर्म और ओकवार्डनेस से लेकर जजमेंट या अपमान के डर तक हो सकते हैं। यदि किसी व्यक्ति को इस प्रकार का डिसऑर्डर है तो वह सामाजिक गाथेरिंग से बचेगा और क्रिटिसिज्म के प्रति सेंसेटिव होगा।
बचपन का शोषण इंटिमेसी के डर का एक गंभीर कारण है। यदि किसी व्यक्ति का बचपन में शोषण किया गया है तो इससे इंटिमेट, इमोशनल या सेक्शुअल संबंधों का डर पैदा हो सकता है। शोषण उस व्यक्ति के लिए, किसी अन्य व्यक्ति पर इतना विश्वास करना चुनौतीपूर्ण बना देता है, कि वह इंटिमेट हो सके।
जबकि यह प्रमुख कारण हैं, इंटीमेट संबंधों को अस्वीकार करने के अन्य कारण भी हैं जैसे माता-पिता और परिवार पर अत्यधिक निर्भरता, पिछले वर्बल या शारीरिक शोषण, कण्ट्रोल होने या रिश्ते में खुद को खोने का डर और माता-पिता द्वारा नेग्लेक्ट की समस्या।
इस डर के प्रभाव
इंटिमेसी के डर का किसी के जीवन पर बड़ा प्रभाव पड़ सकता है, खासकर रोमांटिक रिश्तों में। रिसर्च से पता चलता है कि इस तरह की समस्या एक पार्टनर के साथ रिश्ते की क्वालिटी को बुरी तरह से प्रभावित कर सकता है।
इंटिमेसी के डर को दूर करना महत्वपूर्ण है
इससे निपटने का सबसे अच्छा तरीका प्रोफेशनल मदद लेना है। किसी थेरेपिस्ट या कौंसिल्लोर के मदद से व्यक्ति अपनी समस्याओं को सुलझा सकता है, अपने इमोशंस समझ सकता है, और आगे जाकर स्ट्रांग रिश्ते बना सकता है।
हमें यह भी समझने की जरूरत है कि कोई भी रिश्ता परफेक्ट नहीं होता, अगर कोई रिश्ता तोड़ता है तो उसका आपसे कोई लेना-देना नहीं है। इसलिए हमें खुद को महत्व और सम्मान देना चाहिए।