वडोदरा में शहर के एक आदमी ने एक चौंकाने वाले डाइवोर्स को दर्ज किया। उसके हिसाब से उसकी पत्नी का वेडिंग डे के दिन में पीरियड्स आना उसे आदमी के ' faith का violation' था।उस आदमी ने जनवरी में अपनी पत्नी से शादी की जो एक शिक्षक है।हैरानी की बात है कि अब menstruation के बारे में इतनी बातचीत करने से भी इस अंधश्रद्धा को नष्ट करने में और समय है । फिर भी एक शहर-आधारित पेशेवर जो अपनी पत्नी को तलाक दे रहा है क्योंकि वह अपनी शादी के दिन अपने पीरियड्स को कंट्रोल नहीं कर सकी सुनने में बेवकूफी और उस आदमी कि महा मूर्खता लगती है ।
तलाक के दलील में क्या कहा?
एक पारिवारिक अदालत में पेश की गई दलील में कहा गया है कि उसकी पत्नी ने खुलासा किया कि वह अपने पीरियड्स पर थी जब दोनों अपनी शादी के बाद एक मंदिर पहुंचे । और यह कहने से पति और पति की माँ चौक गए । मुझे एक बात बताओ, अगर मंदिर में भागव बस्ते है, और उन्नहोन ही हम महिलाओं को बनाया है तो भगवान को हमें कोई भी समय दर्शन देने में कोई प्रॉब्लम नहीं होगी । तो तुम्हे क्यों है भाई?? तुम भगवान से बढ़कर है क्या??
उस व्यक्ति ने अपनी पत्नी पर बहुत अधिक मांग करने का आरोप लगाया और उससे 5,000 रुपये मंथली एक्सपेंस और औरक एयर-कंडीशनर की मांग की। उसने यह भी कहा कि उनकी पत्नी उसे कहती हैं कि वे अपने पारिवारिक खर्चों में योगदान न करें क्योंकि उनका बड़ा भाई पहले से ही उनका ख्याल रखता है।
उस आदमी ने दावा किया कि जब उसने अपनी पत्नी से कहा कि वह एयर-कंडीशनर नहीं खरीद सकता, तो उसकी पत्नी ने उसके साथ लड़ाई की और अपने माता-पिता के घर चली गई। उसने यह भी दावा किया कि उसने उसके साथ बात चीत करने की कोशिश की, लेकिन पत्नी ने उसकी बात नहीं मानी और कई दिनों तक अपने माता-पिता के घर रह गई।
यह एक समस्या क्यों है ?
यहां तक कि अगर हम मानते हैं कि आदमी अपनी तलाक की दलील में सब कुछ सच कह रहा है, तो उसकी पत्नी के बारे में उसके पीरियड्स की बात में अभी भी कोई मतलब नहीं है।
उन्होंने कहा कि वह यह जानकर स्तब्ध थे और उनके ' ' faith का violation' किया गया
यह एक ब्राह्मणी patriarchal सोच है जो औरतों को इतना नीच समझती है कि अब biology का भी कोई मूल्य नहीं रहा । जब एक्टिविस्ट्स ने उन धार्मिक स्थानों के खिलाफ विद्रोह करना शुरू कर दिया, जो महिलाओं को उन स्थानों में प्रवेश करने से रोकते हैं, तो लोगों ने उसे धार्मिक स्थानों के खिलाफ लड़ाई है ऐसा सोचा। बल्कि सच्चाई यह है कि वे विरोध एक बड़े विचार के खिलाफ थे। लोगों के दिमाग में एक गहरी सोच बैठी है कि मासिक धर्म एक गंदी, अशुद्ध घटना है।
पुरुषों को समानता की लड़ाई में महिलाओं के लिए सहयोगी होना चाहिए, न कि चुनौतियों को खड़ा करने वाले। अगर उस व्यक्ति को वास्तव में शादी में रहना मुश्किल लगता है, तो वह आसानी से अन्य सभी बातों को बता सकता था। किसी को भी दुखी विवाह में नहीं रहना चाहिए, लेकिन आप क्या कारण डे सकते है उसकी हद्द है ।
प्रिय ऐसी पुरानी सोच वाले पुरुषों, अगर आप सचमुच पीरियड्स जैसी नेचुरल कार्यों को करने वाले लोगों से बहुत निराश और हैरान हैं तो आपको वास्तव में अपने मूल्यों पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है। हो सकता है कि अपने जीवन में एक बार के लिए आप विज्ञान को इंपॉर्टेंस दे !